दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव: एबीवीपी ने 8-4-3-4 का दावा किया, एनएसयूआई ने छात्र बनाम सरकार पर जोर दिया
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दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव 22 सितंबर को होने वाले हैं। इस बार के चुनाव में चार प्रमुख छात्र संगठनों ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। एबीवीपी ने अध्यक्ष पद के लिए तुषार डेढ़ा को मैदान में उतारा है, जबकि उपाध्यक्ष पद के लिए सुशांत धनकड़ को उम्मीदवार बनाया है। सचिव पद के लिए अपराजिता यक्षणा शर्मा और संयुक्त सचिव पद के लिए सुचिन बैसला चुनाव लड़ रहे हैं।
मुख्य भाग:
चुनाव प्रचार के दौरान, एबीवीपी ने अपने घोषणा पत्र में ‘एक पाठ्यक्रम, एक शुल्क’, छात्रों के लिए रियायती पास के माध्यम से किफायती मेट्रो ट्रेन यात्रा, छात्रों के लिए स्पेशल यूनिवर्सिटी बसें और हर कॉलेज में नए छात्रावासों और लड़कियों के छात्रावासों का निर्माण जैसे वादों किए हैं। एबीवीपी ने अपने प्रचार अभियान में भी इन वादों पर जोर दिया है।
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दूसरी ओर, एनएसयूआई ने अपने घोषणा पत्र में छात्र अधिकारों और लोकतंत्र के मुद्दों पर जोर दिया है। एनएसयूआई ने अपने प्रचार अभियान में भी इन मुद्दों को उठाया है।
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निष्कर्ष:
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव हमेशा से ही रोमांचक और प्रतिस्पर्धी रहे हैं। इस बार के चुनाव में भी चार प्रमुख छात्र संगठनों के बीच कड़ी टक्कर की उम्मीद है।
अतिरिक्त जानकारी:
- इस बार के चुनाव में तीन साल की देरी होने के कारण उम्मीदवारों को उम्र की शर्त में भी राहत दी गई है। अंडग्रैजुएट और पोस्ट ग्रैजुएट कैंडिडेट्स के लिए अधिकतम आयु सीमा क्रमशः 25 वर्ष और 28 वर्ष कर दी गई है। यह राहत सिर्फ इस बार के लिए है।
- इस बार प्रचार के लिए कागज के उपयोग की अनुमति नहीं है। इस कारण कोई बैनर-पोस्टर नहीं लगाया जा सकेगा। पेपरलेस कैंपेन के लिए उम्मीदवारों को डीयू की वेबसाइट पर प्रचार सामग्री अपलोड करने की अनुमति दी गई है। उन्हें अधिकतम 10 मिनट का अपना भाषण भी मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सौंपने का विकल्प दिया गया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने भाषण की जांच करके उसे वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।
प्रश्न:
- आपके अनुसार इस बार के चुनाव में कौन से मुद्दे सबसे महत्वपूर्ण होंगे?
- आप किस छात्र संगठन को समर्थन देंगे और क्यों?
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