कोलकाता में डेंगू मरीजों की संख्या पहुंची 24 हजार के पार, प्रशासन ने ड्रोन से निगरानी बढ़ाने का दिया निर्देश
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पश्चिम बंगाल में डेंगू का प्रकोप चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है। 2023 में अब तक राज्य में डेंगू के 24,709 मामले सामने आए हैं, जिसमें से 32 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। डेंगू के सबसे अधिक मामले उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली, नदिया, मुर्शिदाबाद, मालदा और दक्षिण 24 परगना जिलों में सामने आए हैं।
राज्य सरकार ने डेंगू के प्रकोप से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें डेंगू से पीड़ित लोगों के लिए दो दिन से बुखार, तो डेंगू जांच अनिवार्य करना, बांग्लादेश से सटे सीमावर्ती इलाकों पर विशेष निगरानी रखना, ग्राम पंचायत, पंचायत समिति के सदस्यों और नगरपालिका वार्ड कमेटी को प्रशिक्षण देना शामिल हैं।
हालांकि, इन कदमों के बावजूद डेंगू का प्रकोप जारी है। इसके लिए निम्नलिखित कारण जिम्मेदार हो सकते हैं:
- बारिश के मौसम में पानी जमा होने से मच्छरों का पनपना बढ़ जाता है।
- लोग डेंगू के लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं और देर से इलाज कराते हैं।
- कई लोग डेंगू के बारे में पर्याप्त जागरूकता नहीं रखते हैं।
डेंगू से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
- घर में और आसपास पानी जमा न होने दें।
- मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
- दिन में भी मच्छर भगाने वाली क्रीम या स्प्रे का इस्तेमाल करें।
- अपने घर और आसपास के क्षेत्र को साफ रखें।
डेंगू एक गंभीर बीमारी है, लेकिन समय पर इलाज से इसे ठीक किया जा सकता है। इसलिए, अगर आपको डेंगू के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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