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15 अगस्त को लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिया गया भाषण ने राजनीतिक दलों को उत्तेजित कर दिया है। इस भाषण पर विपक्ष के नेता, विशेषकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, ने कई आलोचनाएँ उठाई हैं और उन्होंने इसके बारे में खुलकर बात की है। इस लेख में, हम विपक्ष के नेताओं की यह आलोचनाएँ और उनके विचारों को विश्लेषण करेंगे।
भाषण का संक्षेप:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में देश की उपलब्धियों को याद करते हुए उनकी महत्वपूर्ण योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने देश की विकास यात्रा पर बल दिया और उनके नेतृत्व में हुई प्रगति को हासिल करने की महत्वपूर्ण उपलब्धियों का जिक्र किया। इसके साथ ही, उन्होंने देशवासियों से आगामी वर्ष में फिर से लाल किले से तिरंगा फहराने की आमंत्रण दी।
विपक्ष की आलोचनाएँ:
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस भाषण पर तीखी आलोचना की है। उनके अनुसार, प्रधानमंत्री के बयान में वह आयाम नहीं है जो देश की वर्तमान स्थिति को प्रकट कर सकते हैं। उन्होंने उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों की भी चर्चा की, जैसे कि आर्थिक मंदी, रोजगार की स्थिति, और विभाजन की बढ़ती समस्या।
तिरंगा फहराने का वादा:
मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री के वादे का मजाक उड़ाते हुए कहा कि वह अगले साल फिर से लाल किले से तिरंगा फहराएंगे, लेकिन वह इसे अपने घर पर फहराएंगे। इससे खरगे ने प्रधानमंत्री के बयान की मोहर लगाई और उनके वादे की खोखलीता पर सवाल उठाया।
स्वतंत्रता दिवस पर राजनीतिक बयान की कोशिश:
कांग्रेस अध्यक्ष ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री को राजनीतिक बयान देने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने उनके बयान को चुनौती देते हुए कहा कि यदि प्रधानमंत्री राजनीतिक दलों की समस्याओं पर खुलकर विचार करना चाहते हैं तो वह स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इसे करें।
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