राज्य में कांग्रेस -झामुमो गठबंधन की सरकार है, जनप्रतिनिधि को जनता के कामों से दूर रखने की साजिश है : सांसद
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संसद का विशेषाधिकार हनन मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक दल नेता आलमगीर आलम, प्रदेश प्रभारी ,अध्यक्ष से करुँगी शिकायत
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चाईबासा: राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा केंद्र व राज्य की योजनाओं का सांसद व विधायक के द्वारा संयुक्त रूप से शिलान्यास या उद्घाटन किये जाने वाली योजना पर नई अधिसूचना जारी अलगाववाद तथा जनप्रतिनिधियों के अधिकार कि हनन करने का मामला को लेकर घोर विरोध शुरू हो गया है। जबकि राज्य में कांग्रेस व झामुमो की गठबंधन का सरकार है। ऐसे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा इस तरह कि भेदभाव की राजनीति राज्य हित में नहीं। ज्ञात हो कि जब से झारखंड राज्य बना है तब से आज तक चार अधिसूचना जारी किया गया जनप्रतिनिधि सांसद व विधायक को कभी भी योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन के लिए अलग- अलग नियम नहीं है यह सांसद के अधिकार क्षेत्र का हननबनाया गया है । इसलिए, योजना हो या राज्य की योजना हो सभी योजनाओं शुभारंभ सांसद व विधायकों के संयुक्त तत्वाधान में हुआ है। लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा अधिसूचना जारी कर केंद्र व राज्य को अलग अलग कर दी गई है जो अधिसूचना दोष पूर्ण और सरासर गलत है जिसका घोर विरोध करते हुए सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा ने कड़ी आपत्ती जाताई है। उन्होंने कहा कि केंद्र की योजना पर विधायक शामिल हो सकते हैं, लेकिन राज्य की योजना पर सांसद का अधिकार नहीं है। यह तो सीधा सीधा अधिकार का का मामला है जिसमें हम सरकार से मांग करते है का कि इस अलगाववादी वाली अधिसूचना पर पुनः विचार करें और पूर्व की भांति इसको बहाल रखा जाए। क्योंकि सांसद और विधायक दोनों ही जनप्रतिनिधि जिसे जनता को जवाब देनी पढ़ती है। जनप्रतिनिधि से उसका हक नहीं ले सकतें हैं। साथ ही यह भी कहा गया कि जनप्रतिनिधि को जनता के कामों से दूर रखने का यह साजिश है जिसका कड़ी आपत्ति जताती हूं। इस मामले को लेकर पार्टी फोर्म के पास भी बात को रखूंगी, क्योंकि राज्य में गठबंधन की सरकार है। राज्य के संसदीय मंत्री आलमगीर आलम और मुख्यमंत्री हेत सोरेन से भी बात करूंगी और जनप्रतिनिधियों का अधिकार का हनन ना करें उनके अधिकार को बनाएं रखने की है मांग को रखूंगी।
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