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रांची: राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्वाचन सदस्यता मामले में आने वाले फैसले को लेकर पूरे सूबे में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है. हालांकि मिल रही जानकारी के मुताबिक निर्वाचन आयोग ने अपना फैसला सीलबंद लिफाफे में राजभवन को भेज दिया है. अब राज्यपाल रमेश बैस इस फैसले को सुनाएंगे या मुख्यमंत्री को नोटिस भेज कर जानकारी देगे. वही गठबंधन के दो प्रमुख दल जेएमएम और कांग्रेस किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए अपनी तैयारी में जुट गई है. गुरुवार के पूरे दिन सीएम आवास में जेएमएम के विधायकों के साथ मंत्रियों का आना जाना लगा रहा. कांग्रेस के विधायक दल नेता अलगीर आलम के अलावा राज्य के महाधिवक्ता भी सीएम आवास पहुंचे. तो वही गुरुवार की देर रात कांग्रेस ने सभी विधायकों के साथ राजधानी के एक होटल में बैठक की गई. वही कांग्रेस विधायक दल नेता आलमगीर आलम ने कहा कि जिस तरीके से मीडिया और अन्य माध्यम से खबरें के माध्यम से पता चला है. कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी की सदस्यता चली गई है. लेकिन अब तक राज्यपाल की ओर से मुख्यमंत्री को किसी प्रकार का नोटिस नहीं जारी किया गया है. खबरों को देखते हुए हम किसी भी परिस्थिति से निपटने को लेकर विधायकों के साथ बैठक की गई है. और हम किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है. इस बैठक में पार्टी के सभी विधायकों को निर्देश दिया गया है. कि जब तक इस हालात से निपटा नहीं जाता है. तब तक सभी विधायकों को रांची छोड़ कर बाहर नहीं जाना है. वह अपने रांची स्थित आवास में रहेंगे. हमारे पास 50 विधायक हैं, राज्य में बीजेपी से अधिक विधायकों की संख्या गठबंधन के पास है. जिससे कि हम किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. वही एक सवाल के जवाब में आलमगीर आलम ने कहा कि सिक्किम को उदाहरण के तौर पर देखा जा सकता है. वहां के मुख्यमंत्री की सदस्यता चली गई है फिर भी उनकी पूरी टीम सरकार में काम कर रही है.
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