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उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले की सहकारी समितियों में डीएपी और यूरिया के साथ इफको के नैनो यूरिया की बोतल खरीदने पर किया मजबूर। आपको बता दें कि किसानों को जबरदस्ती खरीदने पर मजबूर किए जाने की बात से उजागर होने पर चित्रकूट मंडल के कृषि उप निदेशक ने आज ऐसा करने से रोक दिया है।
कृषि उप निदेशक डा. हरीशंकर भार्गव ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुये सहकारिता के सहायक निबंधक (एआर) कोआपरेटिव पर नाराजगी जाहिर करते हुये किसानों को नैनो यूरिया जबरन देने पर रोक लगा दी है। इससे इफको में हड़कंप मच गया है।
सहकारिता के सहायक निबंधक(एआर) कोआपरेटिव रामसागर चौरसिया ने बताया कि जमीन को बंजर होने से से बचाने के लिये स्वदेशी डत्पाद नैनो यूरिया को प्रोत्साहन देने के लिये सरकार दो साल से प्रयासरत है, मगर अभी भी यूरिया व डीएपी से किसानों का मोह भंग होने के बजाय बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार नैनो यूरिया को किसानों तक शत प्रतिशत पहुंचाने के लिये प्रयासरत है। इफको ने एक माह पहले नैनो यूरिया की आधा लीटर की 4636 बोतलें जिले में भिजवायी थीं। जिसमें बमुश्किल किसानोंं को जबरन 2509 बोतले दी गयी है।
इसमें एक बोतल की कीमत 240 रुपये बतायी गयी है। इधर बुआई का पीक सीजन होने के कारण सहकारी समिति से किसान डीएपी उर्वरक की जमकर खरीददारी कर रहे हैं। वहीं, इफको ने हर किसान को डीएपी के साथ नैनो यूरिया की बोतले खरीदना अनिवार्य कर दिया है। इस पर किसानोें ने रोष व्यक्त किया है।
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चौरसिया ने बताया कि डीएपी की रैक से जिले को 1400 मीट्रिक टन डीएपी प्राप्त हो गयी है। जिससे किसानों ने रबी की फसल की बुआई शुरु कर दी है। वही, कृषि उप निदेशक डा. हरीशंकर भार्गव ने मामले को गंभीरता से लेते हुये एआर कोआपरेटिव से कहा है कि किसानों को किसी भी हालत में जबरन नैनो यूरिया न दिया जाये।
भार्गव ने कहा कि किसानों के मतानुसार नैनो यूरिया की बोतल यूरिया उर्वरक के समान कारगर नहीं है। इसलिये किसान नैनो यूरिया में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। ऐसे में किसानों को जबरन नैनो यूरिया न बेचा जाये।
वहीं इफको के जिला प्रबंधक शशिकांत विश्वकर्मा का कहना है कि नैनो यूरिया की बोतल खरीदने में किसानों को तीस रुपये की बचत होती है। यूरिया की बोरी 270 रुपये की है, जबकि नैनों की बोतल 240 रुपये की है। उन्होने दावा किया है कि एक साल में नैनो यूरिया की करीब 15 हजार बोतलें बिक चुकी है।
हमीरपुर के किसान नेता बलराम दादी और निरंजन सिंह राजपूत ने कहा है कि नैनो यूरिया के अभी तक फसल में अच्छे परिणाम देखने को नहीं मिल रहें हैं। इसलिये किसानों को इस पर विश्वास नहीं हो रहा है। यदि सहकारिता विभाग जबरन नैनो यूरिया किसानोे को थोपेगा तो किसान यूनियन आन्दोलन करेगी।
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