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गोपनीय पत्रों में क्या है?
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल, डॉ सीवी आनंद बोस ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसके बारे में बहुत सी चर्चाएँ हो रही हैं। उन्होंने आधी रात को दो ‘गोपनीय’ पत्र लिखे और एक को राज्य सचिवालय में भेजा गया, जबकि दूसरा पत्र दिल्ली, अर्थात् केंद्र सरकार के पास भेजा गया है। इस बारे में कई अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन यह पत्र किसे संबोधित करता है और इसका उद्देश्य क्या है, यह अब तक स्पष्ट नहीं है।
गवर्नर की चिट्ठी: ब्रात्य का नाम सबसे ज्यादा आ रहा है
इस पत्र के संदर्भ में यह साफ लगता है कि राज्यपाल द्वारा वर्णित ‘कार्रवाई’ का निशाना ब्रात्य और शिक्षा विभाग पर हो सकता है। इसके बावजूद, अब तक कोई घोषणा नहीं हुई है, लेकिन गवर्नर की चिट्ठी का नाम, इसके बारे में सबसे ज्यादा चर्चा में है। ब्रात्य के ‘बम’ के बाद, राज्य के मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी दोपहर में राजभवन गए, लेकिन उनकी बातचीत का खुलासा अब तक नहीं हुआ है।
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राज्यपाल की चिट्ठी का रहस्य
राज्यपाल सीवी आनंद बोस के इस कदम ने सिरदर्द ब्रात्य बसु को बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा, “सनग्लास को ध्यान से पहनें, वरना नीचे गिर जाएगा।” इसके साथ ही, वे केंद्र सरकार को भी एक पत्र लिखा है, लेकिन इस पत्र का मतलब क्या है, यह अब तक स्पष्ट नहीं है।
मंथन जारी: राज्यपाल के इस कदम से हुई बड़ी चर्चाएँ
राज्यपाल की चिट्ठी के बाद, पश्चिम बंगाल में राजनीतिक बवाल मच गया है। संविधान के अपमान का आरोप लगाया जा रहा है और यह राज्यपाल के द्वारा उठाए गए कदम के पीछे एक बड़ा रहस्य है।
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गोपनीय पत्र में राज्यपाल की टिप्पणी
राज्यपाल के इस कदम से राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के साथ ब्रात्य बसु ने भी टकराव बढ़ाया है। ब्रात्य ने कहा, “संविधान का हो रहा अपमान, गोपनीय पत्र में राज्यपाल की टिप्पणी।”
विधेयकों पर राज्यपाल नहीं कर रहे हैं हस्ताक्षर
इस संवाद में हम देखते हैं कि राज्यपाल के द्वारा किए गए कदम से राज्य के विधेयकों पर भी असर पड़ रहा है।
व्यवसाय में बंगाल: ममता बनर्जी का दावा
ममता बनर्जी ने कहा है कि बंगाल व्यापार में पूरी दुनिया के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनेगा।
इस संवाद के साथ हम इस बड़े रहस्यमयी कदम के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं। यह समय दिखाएगा कि इसके पीछे कौनसा सच छुपा है।
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