निरसा,झरिया, बाघमारा और बलियापुर क्षेत्र में सिंडिकेट चला रहे कोयला तस्करी
मलाईदार थानों और ओपी की कमाई लाखों में...
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धनबाद:- जिलें में कोरोना के बढ़ते आंकड़ों के साथ अवैध काले कारोबार ने भी रफ्तार पकड़ ली है। नव निर्मित विधानसभा स्तरीय सिंडिकेट के द्वारा खाकी,खादी, स्थानीय दबंग और दर्जनों मीडिया कर्मियों को उसके कद के अनुसार मैनेज किया जा रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल एक ही है की राष्ट्रीय संपत्ति कोयला की सुरक्षा कौन करेगा। क्या इसी तरह सिर्फ खबरें अखबारों व मीडिया की सुर्खियां बनती रहेगी और जिम्मेवार खानापूर्ति कर दिखावा करते रहेंगे। जानकारों की माने तो वरीय अधिकारी कहते है की आप सटीक सूचना दे निश्चित रूप से कार्रवाई होगी। तो क्या ये भी मान लिया जाए की जिलें में बैठे वरीय अधिकारी सचमुच में इन सारे प्रकरणों से अनभिज्ञ और अनजान होते है।जानकारी के अनुसार विभिन्न थाना क्षेत्रों में क्रियान्वित तस्कर सिंडिकेट में सबसे ऊपरी पायदान पर निरसा, बाघमारा, झरिया और बलियापुर के सिंडिकेट शामिल है। निरसा के राय और गोप सिंडिकेट द्वारा चिरकुंडा,निरसा,पंचेत,मैथन,गल्फरबाडी,कालूबथान, कुमारधूबी क्षेत्र में। बाघमारा के रतिलाल,वशिष्ठ, ओझा,यादव,शर्मा,गोयल, रिंकू,पप्पू, निरंजन सिंडिकेट द्वारा बाघमारा,मधुबन,बरोरा,कतरास,महुदा, तेतुलमारी,जोगता,भाटडीह, सोनारडीह,धर्माबांध,रामकनाली,ईस्ट बसुरिया,कपूरियां में। झरिया क्षेत्र के एस चांदना, जी यादव ग्रुप द्वारा अलकडीहा,झरिया,धनुडीह,पाथरडीह, सुदामडीह,लोदना,बोर्रागढ़ में डंके की चोट पर कोयला तस्करी को अंजाम दिया जा रहा है।
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मलाईदार थानों और ओपी की कमाई लाखों में:-
सूत्र बताते हैं की कोयला क्षेत्र में आने वाले संबंधित थाने और ओपी अवैध कमाई से गुलजार है। एक एक थाना क्षेत्र में 5 से 7 तस्कर सिंडिकेट कार्य कर रहे है। प्रति सिंडिकेट से थानो को मिलने वाला नजराना लाखों में है। मलाईदार थानों और ओपी को तो बतौर बोली लगाकर जिम्मेनामा सौंपा जाता है। जीटी रोड स्थित थानों की बोली 40 से 70 लाख के दायरे में लगाई जा रही है। जिन्हे कमान चाहिए वे कोरम को पूरा करते है। सिंडिकेट की मदद से मांग की पूर्ति कर उक्त क्षेत्र को सिंडिकेट के हवाले कर दिया जाता है जो बड़े से लेकर छोटे तक सभी का ख्याल रखते है।
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