“सीटी बजाओ उपस्थिति बढ़ाओ” के तर्ज पर हो रहा है विद्यालय में उपस्थिति बढ़ाने को लेकर नवीन प्रयास को मिलेगी अब राज्य भर में पहचान
विद्यार्थियों तथा अभिभावकों की जागरूकता से ही बढ़ेगी विद्यालयों में उपस्थिति : बादल राज
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वैसे छात्र जो निरन्तर विद्यालय आते है उनका परीक्षाफल तुलनात्मक रूप से काफी बेहतर रहा है। उपस्थिति बढ़ाने हेतु जो भी विकल्प पहले से मौजूद थे उन्हें सुदृढ़ करते हुए जागरूकता फैलाने की दिशा पर आज शिक्षा विभाग नवीन प्रयास कर रहा है। इसके अतिरिक्त जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान, सिमडेगा के माध्यम से प्रोजेक्ट टीम के द्वारा साप्ताहिक परीक्षाओं की शुरूआत की गयी जिसके तहत मेंटरशिप कार्यक्रम की शरुआत की गयी और प्रत्येक 20-25 छात्रों के लिए एक-एक मेंटर शिक्षक नामित कर दिया गया। इस प्रकार प्रत्येक छात्र के लिए मेंटरशिप सुनिश्चित की गयी। ये मेंटर शिक्षक एक-एक छात्र के क्रमिक विकास से लेकर इनकी उपस्थिति तक के लिए जिम्मेदार बनाए गए ये मेंटर शिक्षक हर एक बच्चे के अभिभावकों से निरन्तर संपर्क में रहते हुए बच्चे के विकास एवं उपस्थिति से उन्हें अवगत कराते रहते है। इन सबके परिणामस्वरूप विद्यालयों में उपस्थिति बढ़ी। लेकिन फिर भी यह उपस्थिति 75% के आसपास रही। एक विद्यार्थी वर्ग ऐसा भी था जिनके अभिभावक पूर्ण रूप से अनभिज्ञ पाए गए या फिर उनका आवास नेटवर्क रहित क्षेत्र में था।
जिनसे शिक्षकों का लगातार मोबाईल के माध्यम से सम्पर्क स्थापित कर पाना संभव नहीं हो पा रहा था। बार-बार शिक्षकों का उनके गाँवों में भ्रमण भी कई कारणों से संभव नहीं हो पा रहा था। इन सबको ध्यान में रखते हुए प्रयोग के तौर पर जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य सह अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी बादल राज के निर्देशन पर उत्क्रमित उच्च विद्यालय सिकरियाटीड़ में संयुक्त रूप से एक अनूठी पहल की शुरूआत की गयी।
इसके लिए वहाँ के प्रभारी प्राचार्य अरूण कुमार सिंह के साथ मिलकर DIET की टीम ने व्यापक रूप रेखा तैयार करते हुए “सीटी बजाओ, उपस्थिति बढ़ाओ” नामक एक अनूठी पहल की। इस कार्यक्रम में विद्यालय ने हर टोले मुहल्ले जहाँ से बच्चे आते है वहाँ से एक मॉनीटर छात्र नामित कर दिया एवं उसे एक सीटी मुहैया करा दी गयी। उस मॉनीटर छात्र का कार्य प्रत्येक विद्यालय दिवस में सुबह 8 बजे से सीटी बजाते हुए हर घर के सामने से गुजरना है जहाँ से बच्चे विद्यालय में पढ़ने आते है। इसके लिए PTM एवं SMC के माध्यम से अभिभावकों को जागरूक किया गया एवं विद्यालय विकास निधि के माध्यम से ‘सीटी’ खरीदकर मॉनीटर बच्चों को दिया गया। एक महीने से चल रहे अभियान का फायदा यह हुआ कि मानसून का दौर होने के बावजूद एवं आईपलू और मौसमी बुखार के प्रभाव के बाद भी विद्यालय में 92% तक छात्रों की उपस्थिति दर्ज की गयी आज इस प्रयोग का ही यह नतीजा सामने आया है कि पूरे राज्य भर में सिमडेगा जिले में विद्यार्थियों की प्रत्येक दिन की उपस्थिति में लगातार इजाफा देखा जा रहा है।
वहीं यह प्रयोग इतना सफल रहा है कि इसकी प्रेरणा से जिले के बाद अब पूरे राज्य के सभी विद्यालयों में इसे शुरुआत करने की दिशा में पहल कर रही है। जिससे सिमडेगा जिला केवल हॉकी में ही नहीं बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी सर्वांगीण विकास की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में कार्य कर रहा है।
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