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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, आरक्षक पुलिस बल की आंंख और कान

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भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज प्रदेश के नवआरक्षकों को सीख देते हुए कहा कि आरक्षक पुलिस बल की आंख-नाक हैं और सभी ऐसा काम करें कि लोग उनके नाम का उदाहरण दें।
श्री चौहान ने नवनियुक्त आरक्षकों को नियुक्ति प्रमाण पत्र भेंटकर शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा भी उपस्थित थे।

इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यदि हम अपना कार्य प्रमाणिकता से करते हैं, तो सब सम्मान करते हैं। कई एसपी, पुलिस कॉन्स्टेबल, हेड कॉन्स्टेबल, एसआई, एएसआई के लोग उदाहरण देते हैं। उन्होंने कहा कि आरक्षक ऐसा काम करें कि लोग उनके नाम का उदाहरण दें।

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उन्होंने आरक्षकों को सीख देते हुए कहा कि संवेदनशीलता, वीरता, देशभक्ति और अनुशासन ही मध्यप्रदेश पुलिस की पूँजी है, जिसने मध्यप्रदेश पुलिस का स्थान बनाया है। आरक्षक इसे बिगड़ने नहीं दें और वर्दी की मर्यादाओं को कभी ना भूलें। आरक्षक पुलिस बल की नींव हैं। ये कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि आरक्षक पुलिस बल की आंख और कान हैं। वरिष्ठ अधिकारी पुलिस बल का नेतृत्व करते हैं, लेकिन क्षेत्र की सुरक्षा का जिम्मा पहले आरक्षक पर ही होता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्दी देश की रक्षा और समाज की सुरक्षा के लिए है, अपराधियों पर कहर बनकर टूट पड़ने, सज्जनों के उद्धार और दुर्जनों पर अंकुश के लिए है।
मध्यप्रदेश पुलिस के संदर्भ में श्री चौहान ने कहा कि राज्य पुलिस ने सिमी आतंकियों के नेटवर्क, बीहड़ के जंगल में डकैतों के आतंक और नक्सलियों के आतंक, सभी को ध्वस्त किया है। मध्यप्रदेश पुलिस का इतिहास शौर्य और पराक्रम से गौरवान्वित है। कबायली हमला हो, गोवा मुक्ति का संघर्ष हो या नागालैंड, मध्यप्रदेश पुलिस ने अपना कर्तव्य निर्वहन कर देश की सेवा की है।
उन्होंने नव आरक्षकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ये सिर्फ नौकरी नहीं, देश की रक्षा, जन सेवा का संकल्प है।

 

 

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