चक्रधरपुर कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की 9 छात्राएं फूड प्वाइजनिंग की शिकार
विषाक्त भोजन करने के बाद छात्राओं को उल्टी दस्त और पेट दर्द की शिकायत ,बीमार छात्राओं को एंबुलेंस से लाकर चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल में कराया गया भर्ती, ठीक होकर लौटी
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चाईबासा /चक्रधरपुर: चक्रधरपुर के निश्चिंतपुर में स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की 9 छात्राएं फ़ूड पोइजनिंग की शिकार बन गयी. बीमार छात्राओं को चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल लाया गया. जहां इलाज के बाद तबीयत में सुधार आने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया. फिर उन्हें स्कूल के एंबुलेंस से स्कूल ले जाया गया. बताया जा रहा है कि यह छात्राएं बीते शिवरात्रि को उपवास पर थी और पूजा पाठ कर पूरी सब्जी खायी थी. जिसके बाद इन्हें लगातार उल्टी और दस्त हो रहा था. पिछले दो दिनों से छात्राएं बीमार थी. लेकिन स्कूल प्रबंधन ने इस पर ध्यान नहीं दिया. गुरुवार को जब छात्राओं की तबीयत ज्यादा बिगड़ गयी, तो उन्हें अस्पताल लाकर भर्ती कराया गया. छात्राओं को अस्पताल लाने के दौरान भी स्कूल प्रबंधन की लापरवाही देखने को मिली. महज एक महिला गार्ड के भरोसे छात्राओं को अस्पताल भेजा गया. कोई भी शिक्षिका या स्कूल की प्राचार्या अस्पताल नहीं पहुंची. इधर, अस्पताल में फुड पॉइजन होने से इलाज करते हुए स्लाईन चढ़ाया. तबीयत में सुधार होने पर उन्हें ओआरएस घोल समेत अन्य दवा देते हुए डिस्चार्ज कर दिया गया.
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इन छात्राओं की तबीयत बिगड़ी
कक्षा 6 की आरती लोहार (केनके), आरुषि महतो (बंडी टोकलो), ख़ुशी महतो ( दुधकुंडी), अभागीन महतो (गुंजा), बालेमा कुजूर (बामनगुटू), कक्षा सात की रंजीता महतो (गूंजा), कक्षा आठ की जुली महतो (ठेसापीढ़), कक्षा दस की रचना गंजू (चीतपील) और सुमी बोदरा (भरनियां) शामिल हैं.
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फूड पॉइजन होने से बच्चियों की तबीयत बिगड़ गयी थी. उन्हें उल्टी और दस्त हो रहे थे. इलाज के बाद उनकी तबीयत में सुधार आने पर डिस्चार्ज किया गया है.
डॉ प्रिंयंका कांडेयांग, चिकित्सक अनुमंडल अस्पताल चक्रधरपुर
दो दिनों से छात्राओं की तबीयत खराब थी, इलाज के लिए अस्पताल भेजे थे, स्कूल के नौ छात्राओं की तबीयत दो दिनों से खराब थी. स्कूल के एंबुलेंस से छात्राओं को इलाज के लिए अस्पताल भेजे थे. फिलहाल सभी की तबीयत ठीक है. समय पर बच्चों का इलाज कराए हैं, इसके किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई है.
फुलमनी देवी, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय चक्रधरपुर
बच्चों के साथ कम से कम एक शिक्षिका का होना था, यह लापरवाही है. घटना की सूचना मिलते ही मैं अस्पताल पहुंच कर पूरी घटना की जानकारी लिया हूं. बच्चियां उपवास की थी, जिसमें उन्होंने पुड़ी सब्जियां खाई थी, उसी से उनकी तबीयत बिगड़ी थी, लेकिन फिलहाल उनकी तबीयत में सुधार आया है. बीमार छात्राओं के साथ शिक्षिका का नहीं आना गंभीर मामला है. विद्यालय प्रबंधन वार्डन और खाद्य आपूर्ति करता जांच के घेरे में है। बता दें कि कस्तूरबा विद्यालय में खाद्यान्न आपूर्ति के नाम पर भारी गोलमाल होता है और खाद आपूर्ति का ठेका लेने के लिए सप्लायर हर तरह के हथकंडे अपनाते हैं।
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