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चाईबासा : गांधी मैदान में प्रतिवर्ष लगने वाले मीना बाजार के बंदोबस्ती के जांच में मिली भारी गड़बड़ी

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 नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी पर लगाए गंभीर आरोप सरकार को 14 लाख राजस्व का नुकसान
 2  बार डाक रद होने और व्यक्तियों के अनुपस्थित होने का नहीं मिला साक्ष्य
 
उपायुक्त ने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को किया तो खोज दो दिनों में मांगा जवाब कहा क्यों नहीं आपके उपर बंदोबस्ती में गड़बड़ी को लेकर की जाए कार्रवाई

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चाईबासा : चाईबासा के गांधी मैदान में प्रत्येक वर्ष लगने वाले मीना बाजार को आवंटित करने में गड़बड़ी कर नगर परिषद चाईबासा के कार्यपालक पदाधिकारी फंस गये हैं। एसडीओ सदर शशींद्र बड़ाइक की जांच रिपोर्ट के आधार पर उपायुक्त अनन्य मित्तल ने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को शोकाज कर दिया है। उपायुक्त की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि मीना बाजार के लिए गांधी मैदान का आवंटन में अनियमितता बरतने के विरुद्ध प्राप्त जांच प्रतिवेदन के आलोक में बिंदुवार कार्यपालक पदाधिकारी अपना पक्ष दो दिनों के अंदर उपायुक्त कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें कि क्यों नहीं उपरोक्त बंदोबस्ती को रद करते हुए आपके (कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार ) विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए विभाग को संसुचित कर दिया जाये।
एसडीओ ने अपनी जांच रिपोर्ट में की वर्तमान बंदोबस्ती रद करने की अनुशंसा
चाईबासा सदर एसडीओ शशींद्र बड़ाईक ने अपनी जांच रिपोर्ट में मीना बाजार के लिए हुई गांधी मैदान की बंदोबस्ती में गड़बड़ी की पुष्टि की है। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि जांच के दौरान उपलब्ध कराये गये तथ्यों का अवलोकन करने पर यह श्रेयस्कर होगा कि मीना बाजार का वर्तमान बंदोबस्ती को रद करते हुए पुन तीन सदस्यीय समिति बनाकर पूर्व में निर्धारित बंदोबस्ती की राशि 39 लाख पांच हजार रुपये का विधिवत प्रचार-प्रसार कर किया जाना चाहिए। ताकि पारदर्शिता भी बनी रहे एवं सरकार को राजस्व की हानि भी न हो।
एसडीओ ने अपनी जांच रिपोर्ट में मीना बाजार के लिए गांधी मैदान की वर्तमान बंदोबस्ती में कई गड़बड़ियों का उल्लेख किया है। जांच के दौरान कार्यपालक पदाधिकारी ने एसडीओ को बताया था कि मीना बाजार के लिए गांधी मैदान की बंदोबस्ती 39 लाख 5000 रुपये के लिए खुली बंदोबस्ती डाक में 13 अप्रैल 2022 व 29 अप्रैल 2022 को कोई भी व्यक्ति उपस्थित नहीं हुआ था परंतु जांच के क्रम में दोनों तिथियों पर डाक के निरस्त होने व उपस्थित नहीं होने के संबंध में नगर परिषद, चाईबासा द्वारा कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया और न ही कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा कोई भी रजिस्टर संधारित किया गया।
बिना कोई समिति गठित किये ही पूरी कर दी बंदोबस्ती की प्रक्रिया
नगर परिषद की ओर से तीसरी बार 28 जून 2022 को फिर से मीना बाजार के लिए गांधी मैदान की खुली बंदोबस्ती के लिए बोली लगी। इस बार बंदोबस्ती राशि घटाकर 25 लाख रुपये कर दी गयी। इस खुली बोली में मनोज कुमार गुप्ता को एकल कर दिया गया। अमरेंद्र गड़ाई को चेक द्वारा राशि देने के कारण रद किया गया। वहीं, सुरेश साव को पूर्व का बकाया होने के कारण खुली बोली में शामिल नहीं होने दिया गया। मनोज कुमार गुप्ता को एकल होने के कारण 25 लाख रुपये में गांधी मैदान आवंटित कर दिया गया। एसडीओ की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि बंदोबस्ती के लिए कम से कम तीन सदस्यीय कमेटी गठित होनी चाहिए। यहां ऐसा नहीं किया गया। बंदोबस्ती संबंधी विवरणी रजिस्टर में संधारित होनी चाहिए एवं सदस्यों का हस्ताक्षर होना चाहिए मगर नगर परिषद द्वारा ना तो समिति का गठन किया गया और न ही रजिस्टर संधारित किया गया। इस कारण बंदोबस्ती की प्रक्रिया संदिग्ध व स्वेच्छाचारिता प्रतीत होती है। नगर परिषद द्वारा गांधी मैदान में मीना बाजार लगने के लिए डाक बंदोबस्ती में गड़बड़ी और विवाद के कारण इस बार मीना बाजार नहीं लग पाया है। नगर परिषद के वर्तमान कार्य शैली और मीना बाजार में बंदोबस्ती में जांच रिपोर्ट आने के बाद मिले साथ को लेकर नगर परिषद चर्चा का केंद्र बिंदु बना हुआ है।

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