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झारखंड में शिक्षा में बड़े बदलाव, विद्यार्थियों को राहत

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रांची, 22 सितंबर 2023: झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक बोर्ड) की बैठक में गुरुवार को शिक्षा में कई बड़े बदलावों को मंजूरी दी गई. इनमें विद्यार्थियों को एक पंजीयन के आधार पर कहीं भी मैट्रिक और इंटर की परीक्षा देने की अनुमति, मैट्रिक और इंटर के परीक्षार्थियों का इंप्रूवमेंट परीक्षा अब चालू वर्ष में ही संपूरक परीक्षा के साथ लेना, मदरसा और मध्यमा की परीक्षा मैट्रिक-इंटर की तर्ज पर ओएमआर शीट और उत्तरपुस्तिका दोनों पर लेना, आइटीआइ की परीक्षा को मैट्रिक और इंटर के समतुल्य करना और पारा शिक्षकों के आश्रित को अनुकंपा पर शिक्षक की ही नौकरी देने का प्रावधान शामिल हैं.

विद्यार्थियों को एक पंजीयन से कहीं भी परीक्षा देने की अनुमति

जैक बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया गया है कि अब विद्यार्थी एक पंजीयन के आधार पर कहीं भी मैट्रिक और इंटर की परीक्षा दे सकेंगे. यह व्यवस्था विद्यार्थी के माता-पिता के स्थानांतरण की स्थिति में ही लागू होगी. इससे पहले, विद्यार्थियों को हर बार नए स्कूल में पंजीकरण कराना पड़ता था.

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मैट्रिक और इंटर के परीक्षार्थियों का इंप्रूवमेंट परीक्षा अब चालू वर्ष में ही

जैक बोर्ड की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि अब मैट्रिक और इंटर के परीक्षार्थियों का इंप्रूवमेंट परीक्षा अब चालू वर्ष में ही संपूरक परीक्षा के साथ ली जाएगी. इससे पहले, इंप्रूवमेंट परीक्षा एक साल बाद होती थी.

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मदरसा और मध्यमा की परीक्षा मैट्रिक-इंटर की तर्ज पर

जैक बोर्ड की बैठक में मदरसा और मध्यमा की परीक्षा मैट्रिक-इंटर की तर्ज पर ओएमआर शीट और उत्तरपुस्तिका दोनों पर लेने का निर्णय लिया गया है. इससे पहले, मदरसा और मध्यमा की परीक्षा केवल उत्तरपुस्तिका पर ली जाती थी.

आइटीआइ की परीक्षा मैट्रिक और इंटर के समतुल्य

राज्य में आइटीआइ की परीक्षा को मैट्रिक और इंटर के समतुल्य करने की तैयारी है. आइटीआइ में भाषा की परीक्षा नहीं ली जाती है. श्रम विभाग द्वारा जैक को भाषा की परीक्षा लेने के प्रस्ताव भेजा गया था. जैक बोर्ड की बैठक में श्रम विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गयी. अब आइटीआइ के विद्यार्थियों के भाषा की परीक्षा जैक द्वारा ली जाएगी.

पारा शिक्षकों के आश्रित को मिलेगी शिक्षक की ही नौकरी

राज्य में पारा शिक्षक के निधन पर उनके आश्रित को अनुकंपा पर शिक्षक की ही नौकरी मिलेगी. आश्रित को शिक्षक प्रशिक्षण से लेकर जेटेट भी पास करनी होगी. झारखंड शिक्षा परियोजना ने इस संबंध में जिलों को दिशा-निर्देश भेजा है. ‘सहायक अध्यापक सेवा शर्त नियमावली-2021’ में इसका प्रावधान किया गया था. नियमावली लागू होने के बाद लगभग 200 पारा शिक्षकों का निधन हुआ है , लेकिन अब तक दिशा-निर्देश जारी न होने से आश्रितों को नौकरी नहीं मिल पा रही थी.

इन बदलावों से विद्यार्थियों को काफी राहत मिलेगी. एक पंजीयन से कहीं भी परीक्षा देने की सुविधा से विद्यार्थियों को स्थानांतरण के बाद भी परीक्षा देने में आसानी होगी. मैट्रिक और इंटर के परीक्षार्थियों का इंप्रूवमेंट परीक्षा अब चालू वर्ष में ही होने से उन्हें एक साल इंतजार नहीं करना पड़ेगा. मदरसा और मध्यमा की परीक्षा मैट्रिक-इंटर की तर्ज पर होने से विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी करने में आसानी होगी. आइटीआइ की परीक्षा को मैट्रिक और इंटर के समतुल्य करने से आइटीआइ के विद्यार्थियों को आगे की पढ़ाई में आसानी होगी. पारा शिक्षकों के आश्रित को शिक्षक की ही नौकरी देने से उनके परिवार को आर्थिक मदद मिलेगी.

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