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भुज : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि देश और दुनिया में गुजरात को बदनाम करने और राज्य में निवेश को रोकने के लिए एक के बाद एक कोशिशें की गयीं ,फिर भी यह देश में आपदा प्रबंध अधिनियम बनाने वाला पहला राज्य बना।
श्री मोदी गुजरात के कच्छ क्षेत्र में भुज में चार हजार 400 करोड़ रुपए की परियोजनाओं के शिलान्यास के लिए आयोजित समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने स्मृति वन स्मारक का उद्घाटन भी किया और अंजार में वीर बाल स्मारक का उद्घाटन किया।
वर्ष 2001 में कच्छ में आये विनाशकारी भूकंप में पूरा भुज शहर तबाह हो गया था।
श्री मोदी ने कहा ,‘‘ आज मन बहुत-सारी भावनाओं से भरा है। भुजियो डूंगर में स्मृति वन मेमोरियल ,अंजार में वीर बाल स्मारक का लोकार्पण कच्छ की ,गुजरात की ,पूरे देश की साझी वेदना का प्रतीक है। इनके निर्माण में सिर्फ पसीना ही लगा बल्कि इतने ही परिवारों के आंसुओं ने इसके ईंट -पत्थरों को सींचा है। ’’ प्रधानमंत्री ने उस विभीषिका को याद करते हुए कहा कि वह उस समय मुख्यमंत्री नहीं बल्कि एक साधारण से कार्यकर्ता थे और भूकंप के दूसरे दिन भुज पहुंचे थे। उन्होंने कहा,‘‘ मुझे पता नहीं था कि मैं कैसे और कितने लोगों की मदद कर पाउंगा लेकिन मैं ने तय किया कि मैं यहां आप सबके बीच रहूंगा।’’ श्री मोदी ने उस विभीषिका में सब कुछ ध्वस्त होने के बाद शीघ्र ही कृषि ,उद्योग और पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से उभरने में कच्छ क्षेत्र के रिकॉर्ड का उल्लेख करते हुए कहा‘‘ कच्छ की एक विशेषता रही है,जिसकी चर्चा मैं अक्सर करता हूं। यहां रास्ते में चलते-चलते भी कोई व्यक्ति सपना बो जाता है तो पूरा कच्छ उसको वट वृक्ष बनाने में जुट जाता है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा ,‘‘ उस समय ऐसा कहने वाले बहुत थे कि अब कच्छ कभी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पायेगा लेकिन आज कच्छ के लोगों ने यहां की पूरी तस्वीर बदल दी है। वर्ष 2001 में पूरी तरह से तबाह होने के बाद से कच्छ में जो काम हुए हैं वे अकल्पनीय है।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ एक दौर था जब गुजरात पर एक के बाद एक संकट आ रहे थे। प्राकृतिक आपदा से गुजरात निपट ही रहा था कि साजिशों का दौर शुरू हो गया ।’’ उन्होंने कहा,‘‘देश और दुनिया में गुजरात को बदनाम करने के लिए, यहां निवेश रोकने के लिए एक के बाद एक साजिशें की गयीं ।ऐसी स्थिति में भी गुजरात देश में डिजास्टर मैनेजमेंट अधिनियम बनाने वाला पहला राज्य बना और इस अधिनियम की प्रेरणा से पूरे देश में भी ऐसा ही कानून बना। ’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि कच्छ में वर्ष 2003 में क्रांति गुरु श्याम जी कृष्ण वर्मा विश्वविद्यालय स्थापित किया गया और उसके बाद 35 से भी ज्यादा नये महाविद्यालयों की स्थापना की गयी। कच्छ का विकास सबके प्रयास से सार्थक परिवर्तन का एक उत्तम उदाहरण है । कच्छ सिर्फ एक स्थान नहीं बल्कि एक उत्साह है ,एक जीती जागती भावना है। यह वह भावना है जो हमें आजादी के अमृत काल के विराट संकल्पों की सिद्धि का रास्ता दिखाती है।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ,सांसद सी आर पाटिल ,गुजरात विधान सभा के अध्यक्ष विनोद एल चावड़ा और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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