बेरहम मां-बाप ने नवजात को नाले में फेंका, चूहों ने उंगली-होंठ नोच डाला, नोएडा में 20 परिवार गोद लेने सामने आए
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नोएडा के सेक्टर-66 के पास नाले में मिले नवजात की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है। अब वह पूरी तरह से खतरे से बाहर है। डॉक्टरों ने बताया है कि नवजात को चूहों ने पैर की एक उंगली, होंठ और नाक पर नोचा था, उन घाव का इलाज चल रहा है। साथ ही, नवजात को कुछ चम्मच दूध भी डॉक्टर ने अपनी निगरानी में दिया है।
इस मासूम के साथ हुई निर्दयता के बारे में जिसे भी पता चला है, वह स्तब्ध है। यही नहीं, बड़ी संख्या में लोग अब इस नवजात को गोद लेकर अपना बनाने के लिए भी आगे आ रहे हैं। अब तक 20 से ज्यादा परिवारों ने फेज-3 थाना पुलिस से संपर्क कर बच्चे को गोद लेने की इच्छा जताई है। बहुत से लोग इलाज में भी मदद को भी तैयार हैं।
दूसरी तरफ, पुलिस इस मासूम को नाले में फेंकने वालों की तलाश में भी लगी हुई है। तीन टीमें लगाई गई हैं। पुलिस टीमों ने सेक्टर-66 और आस पास के 100 से ज्यादा सीसीटीवी खंगाले हैं। थाना प्रभारी फेज-3 विजय कुमार ने बताया कि पुलिस बच्चे को फेंकने वालों तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
राहगीरों की सूचना पर बची जान
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गौरतलब है कि शुक्रवार रात को यह बच्चा नाले में मिला था, मासूम को चूहे नोच रहे थे। राहगीरों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने बच्चे का समय पर निजी अस्पताल में इलाज करवाकर जान बचाई है।
गोद लेने के लिए क्या है प्रक्रिया?
बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के अध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि कोई भी व्यक्ति गोद लेने के लिए आवेदन कर सकता है। आवेदन के लिए आवेदक को समिति के समक्ष अपनी योग्यता और आर्थिक स्थिति का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। समिति द्वारा आवेदक की जांच के बाद ही बच्चा गोद दिया जाता है।
गोद लेने की प्रक्रिया में कुछ समय लगता है। समिति द्वारा आवेदक की जांच के बाद बच्चे के माता-पिता से भी सहमति ली जाती है। इसके बाद बच्चे को गोद देने की प्रक्रिया पूरी होती है।
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