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जैसे ही भरता साहब का झोला,गायब हो जा रहा क्रशरों से धुला

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राम प्रसाद सिन्हा
पाकुड़।अवैध मांइनिंग की रोकथाम हो  या नियमो के मुताबिक पत्थर व्यवसाय का संचालन  कराने के मामले में जहां शासन प्रसासन पूरी तरह   ताकत झोंके हुए है तो कुछ अधिकारी इसे अवसर के रूप में इस्तेमाल करने से बाज नही आ रहे।कुछ अधिकारियों की लूटखसोट एवं भयादोहन की नीति की वजह से वैध रूप से काम करने वाले पत्थर व्यवसायियों में  गुस्सा है तो जिला प्रशासन एवं जिला टास्क फोर्स की टीम में शामिल अधिकारियों   के नाम का डर दिखाकर भयादोहन अर्थादोहन करने में जुटी इस नई टीम की चांदी कट रही है ।जिले में फिकवक्त एक पदाधिकारी जिन्हें  वातावरण को स्वच्छ बनाने की जिम्मेवारी है की  खूब चर्चा हो  रही है।

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आखिर चर्चा हो भी क्यो नही  अपने ये सूर्य के  समान प्रतापी साहेब का थैला भरते ही खदान खनिज वाले एरिया से तुरत धुला जो साफ हो जा रहा।सूर्य प्रतापी ये साहब के कारनामे भी अजब गजब हैं।जब से ईडी की कार्रवाई शुरू हुई  जिले में अवैध मांइनिंग की रोकथाम के लिए कई बार छापेमारी अभियान चला और इनमें शामिल किसी भी अधिकारी की हिम्मत नही हुई किसी भी क्रशर एवं खदान मॉलिको से बचाने के नाम पर  पैसे की अवैध वसूली की क्योंकि जिला के मुखिया का इन्हें डर था।जहां जो सही गलत मिला कार्रवाई हुई  रिपोर्ट भी  समर्पित की गयी।लेकिन अपने ये झोला भराई वाले    सूर्यवंशी पदाधिकारी को  न तो अपने विभागीय अधिकारी और न ही जिले के मुखिया का डर है यही वजह है कि ये घुमघुमकर धुला धक्कड़ के नाम पर पैसा की उगाही कर रहे।अपने इस साहब ने भयादोहन अर्थादोहन के लिए कमीशन पर कुछ दलाल बहाल कर रखा है  जो इनके साथ हमेशा छाया तरह उगाही वाले क्षेत्र का  खूब भ्रमण करा रहे।जिस व्यवसायी ने झोला वाले इस प्रतापी साहब की सेवा  नही की उसे इस साहब के सामने हीसत्यनाम सत्यनाम वाले बहाल दलाल से फजीहत भी झेलनी पड़ रही है।बहाल इस दलाल के मुखरबिन्दु से इस झोला वाले साहब के सामने  व्यवसायियों को तबतक रोटी बेटी  सुननी पड़ रही जब तक की झोला नही भर दिया जाता।अपने साहब का  झोला  जैसे ही भर दिया जाता फिर धुला दूर दूर तक नही दिखाई देता।कई पत्थर व्यवसायियों को तो झोला वाले इस प्रतापी  साहब के सत्यनामी संजय  को भी अलग से इस डर से सेवा करनी पड़ रही है कि  उनके क्रशर से जबरन धुला न उड़ा दिया जाय।चर्चा तो यह भी है कि अपने सत्यनामी अवैतनिक बहाल दलाल से सूर्य के समान प्रतापी झोला वाले साहब मोबाइल से रोज संवाद कर अगले शिकार की टोह भी लेने  का काम करते हैं।अवैतनिक बहाल यह    दलाल     वातावरन की शुद्धता  के एवज में प्रतापी इस झोला वाले साहब का थैला भरवाने के बाद खुद भी उगाही कर रहा।जिसने पत्थर व्यवसायी ने इफ बट की तो  धुला उड़ाने, नियमो की अनदेखी करने,वातावरण को दूषित करने के आरोप में कारोबार बंद कराने    की धमकी भी इसी अधिकारी की मौजूदगी में देने से परहेज नही कर  रहा। बहरहाल झोला वाले साहब एवं इनके बहाल दलाल की जोड़ी  जिले में खूब उत्पात मचा रहा आखिर इन्होंने वातावरण को साफ सुथरा करने  की सुपाड़ी जो उठा रखी है भले ही इसके लिए प्रसासन की नाक ही क्यों न कट जाय।
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