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दुमका : सोमवार को दिन के तकरीबन दो बज रहे हैं। उमस की गर्मी और धूप के बावजूद अंकिता के घर के सामने और आसपास भीड़ है। अंकिता के घर मुख्य द्वार पर पिता संजीव सिंह एवं दादा अनिल सिंह अंत्येष्टि के बाद घाट से से लौटकर कर्मकांड में लगे हैं।घर के अंदर से रह-रहकर रोने की आवाज आ रही है। दादी विमला देवी की आंखें पथरा गई है। घर के आसपास के पड़ोसियों के चेहरे भी गमगीन हैं। इसी बीच सारठ के भाजपा विधायक रणधीर सिंह पहुंचते हैं। घर के अंदर जाकर पीड़ित परिवार के सदस्यों से मिलकर सांत्वना और हरसंभव मदद का भरोसा देकर निकल पड़ते हैं। रणधीर के निकलते ही दुमका के सीओ यामुन रविदास पहुंचते हैं। अंकिता की दादी विमला देवी की उम्र जानने के बाद शीघ्र पेंशन स्वीकृति का भरोसा देते हैं।
अंकिता के पिता को ढ़ाढस देते हुए अनाज उपलब्ध करवाने का भरोसा देकर शाम में फिर आने का भरोसा निकल गए। इसी दौरान यहां सीआइडी के डीएसपी भी पहुंचते हैं और घटनास्थल का जायजा लेते हैं। मौके पर मौजूद घुंघरु यादव ने कहा कि काफी दुखद घटना है। हर कोई मर्माहत है।इस घटना से मोहल्लावासी उद्वेलित हैं, लेकिन सबने काफी धैर्य रखा है। सबने मिलकर आपसी सौहार्द्र में संक्रमण फैलने से रोक लिया है। आगे भी सौहार्द्र का ही माहौल रहेगा। वहीं, अंकिता के पिता संजीव सिंह ने डबडबाई आंखों से कहा कि प्रशासन से आग्रह है कि उनकी बेटी को न्याय मिले। दोषियों को सख्त सजा दी जाए।
अंकिता के घर से चंद कदम आगे ही नीम के पेड़ की छांव तले तैनात पुलिसकर्मी सुस्ता रहे हैं। घर के मुहाने पर शिव मंदिर के मंदिर के सामने भी पुलिस बल तैनात है। यहां से आगे बढ़ने पर सड़क के दाईं ओर साह जेनरल स्टोर है। दुकानदार राजेश कुमार साह लोहे की ओखली में समोसे के लिए मसाला कूट रहे हैं। कुछेक ग्राहक भी दुकान पर खरीदारी कर रहे हैं। पूछने पर राजेश ने कहा कि घटना को असर तो है, जिसके कारण बिक्री में थोड़ी कमी जरूर है, पर स्थिति रोज की तरह है।
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यहीं बैठे जनक किशोर साव बाजार में चाट का ठेला लगाते हैं। कहा कि दो दिनों से बाजार बंद है। कच्चा माल रहने के कारण तकरीबन चार हजार रुपये का नुकसान हुआ है। कहा कि माहौल सामान्य होने व बाजार खुलने का इंतजार कर रहे हैं। यहां से आगे बढ़ने पर इंदिरा नगर का इलाका शुरू हो जाता है। इंदिरा नगर मोड़ पर भी बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई है।इंदिरा नगर में भी गम का माहौल है। इस मोहल्ला के पंचायत समिति सदस्य मो. रोशन अली इस घटना से काफी आहत हैं। कहा कि जो भी हुआ, गलत हुआ है। इस घटना के आरोपितों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
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कहा कि इंदिरानगर और जरुआडीह के लोग आपस में मिलजुल कर रहते आए हैं और आगे भी रहेंगे। मौके पर मौजूद शहजादी खातून बोल पड़ती हैं कि अंकिता मेरी भी बेटी जैसी थी। सभी के घर में बहू-बेटियां हैं। इस घटना से महिलाएं काफी आहत हैं। आरोपित चाहे किसी भी कौम का हो, उसे कानून सख्त से सख्त सजा मुकरर्र करे। कहा कि दो-चार मनचलों की वजह से आज पूरा समाज शर्मसार हो रहा है।इंदिरा नगर से गांधी मैदान तक पहुंचने के दौरान तकरीबन तीन से चार जगहों पर पुलिस बलों की तैनातगी है। गांधी मैदान से आगे बढ़ते ही वीर कुंवर सिंह चौक से ही मुख्य बाजार तक जाने वाले सड़क पर सन्नाटा है।
सड़क के दोनों ओर की दुकानें बंद है। चाय-पान की गुमटियां भी बंद है। बाजार में जगह-जगह पर पुलिस और दंडाधिकारी तैनात हैं। टीन बाजार चौराहे के पास दंडाधिकारियों और पुलिस बलों की व्यापक स्तर पर तैनाती है। मुख्य पथों पर इक्का-दुक्का दो पहिया वाहन व टोटो ही चलते हुए दिखाई पड़ रहे हैं।अंकिता के घर से आगे बढ़ने पर आरोपित शाहरुख के मामा का घर है। अभी इस घर में ताला लटका है। आसपास के लोग कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
आरोपित शाहरुख का असली घर शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के बरमसिया में है। वह यहां मामा के घर में रहकर रंगमिस्त्री का काम करता था, जबकि मामा रज्जाक, कुर्बान और फिरोज में दो राजमिस्त्री और एक साइकिल दुकान में काम करता है। शाहरूख के पिता का निधन पूर्व में ही हो चुका है। उसकी एक बहन और मां है।घटना के बाद पूरा परिवार ताला लगाकर कहीं चला गया है। घटना के बारे में अंकिता के फूफा विनय कुमार सिंह कहते हैं कि घटना से कुछ दिन पूर्व ही वह शाहरुख के मामा से बातचीत करते हुए उसे समझाने को कहा था। इस उसके मामा ने भी कहा था कि हम उसे समझा देंगे, सबकुछ ठीक हो जाएगा, लेकिन इसके दो-तीन दिन बाद ही यह घटना हो गई।
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