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अंचिता शुली ने कॉमनवेल्थ गेम्स रिकॉर्ड के साथ भारत को दिलाया तीसरा स्वर्ण

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बर्मिंघम: भारोत्तोलक अंचिता शुली ने राष्ट्रमंडल खेलों में 73 किग्रा वर्ग में नया गेम्स रिकॉर्ड बनाते हुए भारत को इन खेलों का तीसरा स्वर्ण पदक दिलाया है। 20 साल के अंचिता शुली ने स्रैच में 143 और क्लीन एन्ड जर्क में 170 किलो सहित कुल 313 किग्रा वजन उठाया।
इस स्वर्ण के साथ भारत के कुल 6 मेडल हो गए हैं।भारत का यह मेडल भी वेटलिफ्टिंग में ही आया है। अंचिता शुली ने स्रैच में 143 किलो वजन उठाया। यह कॉमनवेल्थ गेम्स का रिकॉर्ड है। उन्होंने क्लीन एंड जर्क के पहले प्रयास में 166 किलो वजन उठाया। दूसरे प्रयास में फेल होने के बाद तीसरे में उन्होंने 170 किलो का वजन उठाया। अंचिता शुली ने कुल 313 किलो का वजन उठाते हुए कॉमनवेल्थ गेम्स का रिकॉर्ड बनाया।
मलेशिया के एरी हिदायत ने सिल्वर मेडल जीता। उन्होंने कुल 303 किलोग्राम वजन उठाया। कनाडा को ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा। मुकाबला शुरू होने से पहले ही अंचिता शुली जीत के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। उन्होंने 2021 में कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था। 2021 में ही जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने अपने नाम सिल्वर मेडल अपने नाम किया था।
बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का यह छठा मेडल है। देश को सभी मेडल वेटलिफ्टिंग में ही मिले हैं। अंचिता शुली से पहले मीराबाई चानू और जेरेमी लालरिनुंगा ने भी वेटलिफ्टिंग में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था। संकेत महादेव सरगर और ंिबदियादेवी रानी ने सिल्वर मेडल जीता था। गुरुराज पुजारी को ब्रॉन्ज मिला था। भारत के तीन गोल्ड, दो सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल हो गए हैं। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत वेटलिफ्टिंग में सबसे ज्यादा मेडल जीतने वाला देश भी है। अभी तक 7 इवेंट हुए हैं और इनके सिर्फ एक में भारत को मेडल नहीं मिला।

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