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कासगंज : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष एवं केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को कासगंज के बारह पत्थर मैदान में एक बड़ी जनसभा को संबोधित कर उत्तर प्रदेश में अपने चुनाव अभियान की शुरूआत करेंगे।कासगंज में आज होने वाली रैली बृज क्षेत्र में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा के लिये काफी अहम मानी जा रही है।
बृज क्षेत्र पूर्व में समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता था मगर 2017 के विधानसभा चुनावों में मोदी लहर के चलते भाजपा का प्रदर्शन शानदार रहा था जबकि 2019 के लोकसभा चुनावों में भी बृज क्षेत्र में बीजेपी का प्रदर्शन शानदार रहा।हाल ही में बृज क्षेत्र में पड़ने वाले एटा जिले में समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव की विजय यात्रा में करीब एक लाख लोगों की भीड़ उमड़ी थी।
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अखिलेश ने एटा के रामलीला मैदान में रात आठ बजे तक मोबाइल फोन की रोशनी में जन सभा को संबोधित किया था। आज की रैली अखिलेश की एटा में विजय यात्रा का जवाब माना जा रहा है ।आकंड़ों पर नजर डाले तो रजनीकांत माहेश्वरी के ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष रहते समय भाजपा ने अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। 2019 के लोक सभा चुनाबो मे इनके कुशल नेतृत्व में ही ब्रज क्षेत्र में पड़ने वाली 13 लोक सभा सीटों में से बीजेपी ने 12 सींटे जीतकर समाजवादी पार्टी के किले को ध्वस्त करने का काम किया था।
केवल सपा संरक्षक मुलायम ंिसह यादव ने मैनपुरी लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी बाकी 12 सींटे जिनमे फिरोजाबाद और बदायू जैसी सपा की मजबूत सींटे भी शामिल थीं बीजेपी ने जीतीं थी।माहेश्वरी के नेतृत्व में ही 2017 में ब्रज क्षेत्र में आने वाली 65 विधान सभा सीटों में से 57 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी जो अपने आप मे अबतक की जीत का रिकॉर्ड है।हाल ही में हुए जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में ब्रज क्षेत्र में 12 में से 11 जिला पंचायत अध्यक्ष बीजेपी ने जीते हैं और ब्रज क्षेत्र में 129 ब्लॉक प्रमुखों में से 117 पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है। ये भी अब तक का रिकॉर्ड है।
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अच्छे प्रदर्शन से उत्साहित रजनीकांत तो यहां तक दावा करते हैं कि आने वाले 2022के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनावों में ब्रज क्षेत्र की 65 विधान सभा सीटों में से बीजेपी 60 प्लस सींटे जीतेगी।ये सब बातें वे हवा में नही कहते हैं इसके पीछे वे मजबूत रणनीति और संगठन शक्ति का उदाहरण भी देते हैं। वे कहते हैं कि प्रत्येक बूथ पर बीजेपी के 25 से 50 कार्यकर्ताओं की फौज है। मतदान केंद्रों को उन्होंने शक्ति केंद्र का नाम दिया है जिसमे एक शक्ति केन्द्र में 5,6,7 तक बूथ आते हैं। इनमें शक्ति केंद्र प्राभारी, बूथ अध्यक्ष बूथ महामंत्री और इनकी सहायता के लिए 21 लोगों की टीम है।
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