आरोप: रांची अपर समाहर्ता के आईटी मैनेजर बन गए हैं संविदा पर नौकरी देने का एजेंट, कैसे हो रहा है क्या पढ़िए पूरी रिपोर्ट
ऐसा आरोप कौन लगा रहे हैं पढ़िए इस पूरी रिपोर्ट में
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RAHUL KUMAR
Ranchi: कहते हैं कंप्यूटर का ज्ञान हो तो बहुत सारी चीजें आसान हो जाती हैं. अभी इस फेहरिस्त में नाम जुड़ रहा है दबंगई और मनमानी की. बात हो रही है रांची उपायुक्त (DC) कार्यालय की. उपायुक्त के बाद जमीन संबंधी किसी भी कामकाज के लिए अपर समाहर्ता (AC) जिम्मेवार होते हैं. आरोप कुछ ऐसा है कि रांची अपर समाहर्ता के आईटी मैनेजर ब्रजेश प्रांजल संविदा पर नौकरी देने का खेल कर रहे हैं. यह खेल सिर्फ और सिर्फ पैसों के लिए किया जा रहा है. ऐसा आरोप हम नहीं बल्कि एक संगठन लगा रहा है. आरोप और अधिकारीयों से शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.
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ऐसा आरोप कौन लगा रहे हैं पढ़िए इस पूरी रिपोर्ट में
वहीं झारखंड प्रहरी के अध्यक्ष मोहम्मद नईम अंसारी ने मुख्यमंत्री मुख्य सचिव प्रधान सचिव आयुक्त छोटानागपुर उपायुक्त रांची और पुलिस अधीक्षक एसीबी को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने आरोप लगाए हैं कि अपर समाहर्ता कार्यालय (AC) द्वारा रांची जिले के सभी अंचलों में आउटसोर्सिंग कंपनी के माध्यम से कंप्यूटर ऑपरेटर ट्यून की नियुक्ति की गई हैं. जिन लोगों की भी नियुक्ति हुई हैं. इतने लोग कार्यरत नहीं है. फर्जी आदमियों के नाम पर हर महीने आउटसोर्सिंग कंपनी को भुगतान किया जा रहा है. और उसमें से 60% रुपए कमीशन के रूप में ऐसी ऑफिस में तैनात बृजेश प्रांजल जो आईटी मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं. उन्हें पहुंचाया जाता है इसके अलावा आरोप यह भी है कि जो लोग वास्तव में ऑफिस में काम कर रहे हैं. उन्हें कई महीनों तक वेतन नहीं दिया जा रहा है. किसी भी कर्मी का बीएफ अकाउंट नहीं खोला गया है. लेकिन पीएफ के नाम पर हर महीने वेतन से पैसा काट लिया जाता है, और उस पैसे की भी बंदरबांट होती है. सवाल यह उठता है कि संविदा पर तैनात बृजेश प्रांजल पर इतने गंभीर आरोप होने के बावजूद उन पर आज तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई. क्या इस पैसे के बंदरबांट में जिले के उच्च अधिकारियों की भी संलिप्तता है.
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नोट: आईटी आईटी मैनेजर बृजेश प्रांजल की काली करतूतों की कहानी जारी रहेगी.
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