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एक बार फिर, भारत-पाकिस्तान सीमा पर आतंकवादियों के हमलों में भारतीय सेना के चार वीर सपूत शहीद हो गए हैं। इस घटना के परिणामस्वरूप, देशभर में राष्ट्रवादी संगठन करणी सेना के कार्यकर्ता उनकी शहादत का विरोध करने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ उत्कृष्टिपूर्ण गुस्सा व्यक्त कर रहे हैं।
करणी सेना के पदाधिकारी ने मांग की है कि सीमा पर आतंकी घुसपैठ को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं और पाकिस्तान पर भी कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने भी आतंकवाद के समर्थन में खड़े व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
इस घटना ने देश भर में आंदोलन भावना को उत्तेजित किया है और लोग सरकार से आतंकवाद को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। भारतीय सेना के वीर अधिकारी और जवानों की शहादत ने देश में उबाल मचाया है और लोग राष्ट्रहित के लिए कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान में आतंकवाद बढ़ रहा है और वहां की सेना इसका समर्थन कर रही है, और करणी सेना ने इसे लेकर सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि आतंकवाद और आतंकी गतिविधियां खत्म की जा सकें।
इसके अलावा, करणी सेना ने भारतीय शिक्षा मंत्री द्वारा दिए गए हिंदू विरोधी बयान पर भी आलोचना की है और सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने सानातन धर्म के बारे में गलत बयान बाजी करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
इस वार्ता में कहा गया है कि करणी सेना पूर्व से ही राष्ट्रवादी और हिंदू हित में कार्य कर रही है और उन्होंने मांग रखी है कि आतंकवाद को रोकने के लिए प्रधानमंत्री सख्त कदम उठाएं और पाकिस्तान पर भी नरमी न बरती जाए। उन्होंने कहा कि करणी सेना राष्ट्रहित और सानातन हित पर आंच नहीं आने देंगे।
इस खंडन में, करणी सेना के जिलाध्यक्ष विजय चौधरी ने भी यह कहा कि पाकिस्तान ने भारत में आतंकवाद फैलाने का प्रयास किया है और इसलिए प्रधानमंत्री से मांग की है कि पाकिस्तान पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। जिससे आतंकवाद गतिविधियां खत्म की जा सकें, और पाकिस्तान में आतंकवाद बढ़ रहा है और वहां की सेना इनका समर्थन कर रही है।
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