एडीएम लॉ एंड ऑडर का ऑडर भी ठेंगे पर, एक साल में नहीं हुई सुनवाई, पूछने जाने पर टॉल रहे है मजिस्ट्रेट
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RAHUL KUMAR
Ranchi: बीते कुछ दिनों से अपर समाहर्ता कार्यालय में तैनात आईटी मैनेजर ब्रजेश प्रांजल के खिलाफ शिकायतों और आरोपों की लंबी लिस्ट है. लेकिन आज तक किसी तरह की कार्रवाई करने की जहमत किसी ने नहीं उठाया. सिर्फ पत्राचार कर ब्रजेश प्रांजल के शिकायतों की इति श्री कर दिया गाय. मई 2022 में रांची सिविल कोर्ट की अधिवक्ता प्रतिमा कुजूर ने उपायुक्त से ब्रजेश प्रांजल की शिकायत की गई. उसके बाद मजिस्ट्रेट लॉ एंड ऑडर ने 5 मई 2022 को ही नोटिस जारी कर ब्रजेश प्रांजल से 48 घंटे में उसपर लगे आरोपों में जवाब देने का निर्देश दिया. लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी ब्रजेश की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गाय. अब आप इससे अंदाजा लगा सकते है. की एक संविदा पर कार्य कर रहे आईटी मैनेजर की सेटिंग कहा तक हैं. नए वाले अधिकारी हो या पुराने वाले अधिकारी सभी से सेटिंग कर के बैठा हुआ है. पूर्व में जारी नोटिस के बारे में लगातार तीन दिनों से एडीएम लॉ एंड ऑडर से यह जानने को कोशिश की जाती रही की पूर्व में जारी नोटिस पर सुनवाई हुई. ब्रजेश प्रांजल पर कोई कार्रवाई हुई या नहीं, अगर कोई कार्रवाई हुई है. तो उसकी जानकारी दी जाए लेकिन एडीएम लॉ एंड ऑडर ने जानकारी देने में लगातार टालमटोल करते रहे और किसी तरह की जानकारी नहीं दी.
ब्रजेश प्रांजल के खिलाफ शिकायतो की लंबी है लिस्ट
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शिकायत नंबर 1. झारखंड प्रहरी के अध्यक्ष मोहम्मद नईम अंसारी ने मुख्यमंत्री मुख्य सचिव प्रधान सचिव आयुक्त छोटानागपुर उपायुक्त रांची और पुलिस अधीक्षक एसीबी को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने आरोप लगाए हैं कि अपर समाहर्ता कार्यालय द्वारा रांची जिले के सभी अंचलों में आउटसोर्सिंग कंपनी के माध्यम से कंप्यूटर ऑपरेटर ट्यून की नियुक्ति की गई है. जिन लोगों की भी नियुक्ति हुई है. इतने लोग कार्यरत नहीं है. फर्जी आदमियों के नाम पर हर महीने आउटसोर्सिंग कंपनी को भुगतान किया जा रहा है. और उसमें से 60% रुपए कमीशन के रूप में ऐसी ऑफिस में तैनात बृजेश प्रांजल जो आईटी मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं. उन्हें पहुंचाया जाता है इसके अलावा आरोप यह भी है. कि जो लोग वास्तव में ऑफिस में काम कर रहे हैं. उन्हें कई महीनों तक वेतन नहीं दिया जा रहा है. किसी भी कर्मी का बीएफ अकाउंट नहीं खोला गया है. लेकिन पीएफ के नाम पर हर महीने वेतन से पैसा काट लिया जाता है. और उस पैसे की भी बंदरबांट होती है. इस शिकायत पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई हैं.
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शिकायत नंबर 2. रांची जिला मुख्यालय से 52 किलोमीटर दूर रहने वाले बबलु नायक ने डीसी और लोकायुक्त से शिकायत की है. शिकायत में कहा है कि अपर समाहर्ता के स्टाफ ब्रजेश प्रंजल ने अवर निबंधक बुंडू का जांच रिपोर्ट छुपा दिया. और इसकी जनकारी वरीय पदाधिकारी को नहीं होने दिया. ताकि वह बबलु नायक से अवैध वसूली कर सके. रिपोर्ट छुपाने कि जानकारी जब बबलु नायक को हुई तो उन्होने ब्रजेश प्रंजल को मोबाइल से संर्पक किया तब ब्रजेश ने बबलु को रूम नं०- 305 में बुलाया और काम करने देने की गौरंटी लेते हुए. 40,000/- (चालीस हजार) घुस की मांग की गई और ब्रजेश ने बबलू को धमकी देते हुए कहा की अगर पैसा नहीं दोगे तो इधर-उधर आफिस का चक्कर लगाते रह जाओगे. तुम्हारा काम नहीं होगा. और वही हुआ बबलू नायक वर्षो से कार्यालय का चक्कर लगा रहे है. न अब तक कोई ब्रजेश प्रांजल पर कोई कार्रवाई न ही बबलू नायक की सुनवाई हुई.
शिकायत नंबर 3. मई 2022 में रांची सिविल कोर्ट की अधिवक्ता प्रतिमा कुजूर ने उपायुक्त से अपर समाहर्ता कार्यालय में कार्यरत आएईटी मैनेजर ब्रजेश प्रांजल, तुस्तुन लुगुन कार्यालय अधीक्षक, मो० खालिद अहमद, पेशकार, अपर समाहर्त्ता राजस्व शाखा, किशोर नायक, लिपिक, जिला आपूर्ति कार्यालय, अभय तिर्की, लिपिक, जिला भू-अर्जन कार्यालय और मनोज कुमार यादव, उपायुक्त के पेशकार विधि शाखा रांची की शिकायत उपायुक्त से मई 2022 में रांची सिविल कोर्ट की अधिवक्ता प्रतिमा कुजूर ने उपायुक्त से ईटी मैनेजर ब्रजेश प्रांजल सहित छ: लोगो पर बिना रिश्वत के कोई कार्य नहीं करने की शिकायत की गई. उसके बाद मजिस्ट्रेट लॉ एंड ऑडर ने 5 मई 2022 को नोटिस जारी कर सभी से 48 घंटे के भितर जवाब देने का निर्देश दिया गया. लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी किसी ने जबाब नहीं दिया.
नोट: आईटी मैनेजर ब्रजेश प्रांजल की काली करतूतों की कहानी जारी रहेगी.
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