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श्रावणी मेला के पहले सोमवार को बाबा बैद्यनाथ में उमड़ी भक्तों की भारी भीड़

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देवघर: श्रावणी मेला के पहले सोमवार को बाबा बैद्यनाथ मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। मंदिर पहुंचे श्रद्धालु कतारबद्ध होकर भगवान शिव का दर्शन कर रहे हैं। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर श्रद्धालुओं के हर-हर भोले और हर-हर महादेव के नारे से गुंजायमान है। पावन महीना सावन के शुरू होते ही पूरे देवघर का माहौल भक्तिमय हो गया है।सावन का पहला सोमवार तमाम शिव भक्तों के लिए खास है। इसको लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह देखने को मिल रहा है। सावन की पहली सोमवारी को देवघर में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। विभिन्न शिवालयों में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। देवघर के शिव मंदिर में भक्त सुबह से ही पूजा अर्चना करने पहुंच रहे हैं। मंदिर में सुबह 3:30 बजे से ही बाबा का पट खोल दिया गया है ताकि श्रद्धालु मंदिर में पहुंचकर भगवान भोलेनाथ पर जलाभिषेक कर सकें। पुजारी बताते हैं कि सोमवार को व्रत करने से भक्तों कि हर मनोकामना पूर्ण होती है। सोमवार के व्रत का भगवान शिव की आराधना और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सोमवार का विशेष महत्व माना गया है।
शुभ संयोग में आज से शुरू हो रहा सावन का महीना, जानें भगवान शिव की पूजा विधि और नियमएक महीने तक चलने वाली श्रावणी मेले की पहले दिन ही लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। बाबा मंदिर पहुंचे श्रद्धालु पहले सुल्तानगंज में गंगा नदी से जल लेते हैं और 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर मंदिर पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं के जत्थे से पूरा देवघर शहर गेरुवा रंग में रंग चुका है और हर गली में सिर्फ बोल बम के नारे गूंज रहे है। वहीं, प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं को सरल और सुलभ दर्शन को लेकर मुक्कमल व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
देश के कोने कोने से बाबा भोले नाथ का दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं में काफी उत्साह दिख रहा है। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए आज से अरघा सिस्टम से जलाभिषेक की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। श्रावणी मेले के दौरान बाबा मंदिर में स्पर्श पूजन बंद कर दिया गया है। ताकि कम समय में ज्यादा श्रद्धालु पूजा कर सकें। इसके साथ ही एक महीने तक वीआईपी सेवा भी बंद कर दी गयी है।
पुरोहित कहते हैं कि बाबा के दरबार में सब आम जन बराबर है। मंदिर में भीड़ को नियंत्रित करने को लेकर शीघ्र दर्शनम की व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था से भक्तों को गर्भ गृह तक पहुंचने में कम समय लगता है। लेकिन इसके लिये 500 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। सामान्य भक्तों के लिये कांवरिया पथ बनाया गया है, जहां भक्त कतारबद्ध खड़े होकर बारी बारी से मंदिर में प्रदेश करने के साथ साथ पूजा अर्चना करते हैं।

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