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दो दिनों तक कोयला खदान बंद होने से सरकार को 6 करोड़ रुपए राजस्व का हुआ नुकसान

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पाकुड़: मानव अधिकार जनजागृति कल्याण परिषद द्वारा जिले के अमड़ापाड़ा प्रखंड के विशनपुर गांव के विस्थापितों को उचित मुआवजा का भुगतान करने एवं एकरारनामा के मुताबिक सारी सुविधा मुहैया कराने की मांग को लेकर मंगलवार को दुसरे दिन भी पचुवाड़ा नॉर्थ कोल ब्लॉक में कोयला का उत्खनन और परिवहन बंद रहा। ग्रामीणों एवं परिषद के कार्यकर्ताओ द्वारा कोयला उत्खनन क्षेत्र में चोड़का गाड़ दिये जाने एवं खदान में किसी तरह की गतिविधि पर पूरी तरह रोक लगा दिये जाने की वजह से राज्य एवं केंद्र सरकार को लगभग 6 करोड़ रुपए राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है।

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आंदोलनकारी एवं कोयला खदान से प्रभावित विशनपुर के रैयतो के पुरजोर विरोध के कारण न तो प्रशासन और न ही कोयला का उत्खनन और परिवहन करने वाली कंपनी उन्हे मनाने और आंदोलन खत्म करने में सफल हो पायी है। लगातार दो दिनों से जारी आंदोलन के कारण सरकार को राजस्व का घाटा तो उठाना ही पड़ा है इस कारोबार से जुड़े ट्रांसपोर्टरो, वाहन मालिको, गैरेज व मोटर पार्टस के दुकानदारो के साथ ही पाकुड़ अमड़ापाड़ा लिंक रोड के किनारे स्थित होटल व चाय पान के दुकानदारो को भी नुकसान उठाना पड़ा है। रोज कमाने और खाने वाले मजदूर जहां बेकार बैठ गये है तो दुकानों में व्यवसायिक गतिविधि काफी कम गयी है। अमड़ापाड़ा पाकुड़ लिंक रोड पर कोयला की ढुलाई करने वाले डंफर दो दिनों से खड़े है तो कोयला उत्खनन क्षेत्र में पूरी तरह विरानगी छा गयी है। लगातार दो दिनो से विस्थापितो को उनका हक दिलाने की मांग को लेकर आंदोलन जारी है और न ही कोयला उत्खनन कंपनी और प्रशासनिक अधिकारी इसकी सही वजह बता पा रहे है। जिला प्रशासन का प्रतिनिधित्व कर रहे अनुमंडल पदाधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि विस्थापितो को अबतक लगभग पांच सौ करोड़ का मुआवजा दिया जा चुका है तो बीजीआर के प्रोजेक्ट मैनेजर शिव चंद्रा ने कहा कि आंदोलन किन मांगो को लेकर किया गया है यह हमें नही पता। उन्होने कहा कि हम जो कुछ भी कर रहा है जिला प्रशासन के द्वारा। उन्होने बताया कि हम प्रशासन के साथ बात करने के लिए तैयार है।

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