अंजू को तोहफे, सीमा को धमकियां… एक बनी ‘मेहमान’ तो दूसरी ‘गद्दार’, पाकिस्तान का असली चेहरा देख लीजिए!
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परिचय
हर पल नया मोड़ ले रही है भारत की अंजू की कहानी, जिन्होंने अपने फेसबुक फ्रेंड से मिलने के लिए पाकिस्तान यात्रा की। पहले अंजू ने कहा था कि वह सिर्फ घूमने के लिए पाकिस्तान आई है और नसरुल्लाह सिर्फ उसका दोस्त है। हालांकि, पाकिस्तानी मीडिया दावा कर रहा है कि अंजू इस्लाम कबूल कर अब फातिमा बन चुकी है और उसका नसरुल्लाह से निकाह हुआ है। इसके बावजूद, अंजू और नसरुल्लाह इन खबरों का खंडन कर रहे हैं। इस दौरान एक पाकिस्तानी बिजनेसमैन ने अंजू को एक प्लॉट और 50 हजार का चेक तोहफे में दिए जिससे इस मुद्दे पर और भी ध्यान आया।
भारतीय व्यक्तित्व और पाकिस्तान की यात्रा
अंजू एक साधारण भारतीय युवती हैं जो एक टेक्स्टाइल उद्योग में काम करती हैं। उनके फेसबुक अकाउंट में नसरुल्लाह नाम के एक पाकिस्तानी युवक से जुड़े कई फ्रेंड्स थे। नसरुल्लाह और अंजू की दोस्ती फेसबुक पर ही शुरू हुई थी और धीरे-धीरे यह दोस्ती और गहरी हो गई। उनकी बातचीत और मैसेजिंग से उन्हें एक-दूसरे के विचारों से रूबरू होने का एहसास हुआ। दोनों के बीच दोस्ती इतनी मजबूत हुई कि अंजू का मन भी पाकिस्तान जाने का किया करता था।
पाकिस्तान की यात्रा का निर्णय
अंजू के मन में पाकिस्तान जाने का विचार ने उन्हें उत्साहित किया। उन्होंने नसरुल्लाह से इस बारे में बात की और वह भी खुश हुआ। अंजू ने फिर कुछ दिनों की रिसर्च के बाद अपनी परिवार से भी इस यात्रा की अनुमति ली। इस समय, उनके परिवार का आशय यह था कि अंजू के मन में कोई खास रिश्ता नहीं है और यह यात्रा उनके लिए एक अनूठा अनुभव हो सकता है।
पाकिस्तान की यात्रा का आगाज
अंजू और नसरुल्लाह की यात्रा शुरू हो गई। उन्होंने दोनों की दोस्ती को और भी गहरा किया और एक-दूसरे के साथ अधिक समय बिताने का मौका मिला। पाकिस्तान की सैर और अलग-अलग धरोहरों को देखकर अंजू बहुत खुश थीं। वह अपने फेसबुक पोस्ट में भी इस यात्रा के बारे में लिखती रहीं और उनके फॉलोअर्स भी इसे खूबसूरती से पढ़ रहे थे।
पाक स्टार ग्रुप के सीईओ का समर्थन
इसी दौरान, पाक स्टार ग्रुप के सीईओ मोहसिन खान अब्बासी भी अंजू और नसरुल्लाह से मिलने पहुंचे। वह उन्हें एक प्लॉट, 50 हजार रुपए का चेक, और अन्य तोहफे देकर उनका समर्थन दिया। मोहसिन ने उन्हें दावत दी और अंजू और नसरुल्लाह के इस्लाम में स्वागत की खबर सुनाई। उन्होंने कहा कि दोस्ती एक ‘दावत’ में बदल गई और इस मौके पर अंजू को अपने तोहफों के साथ इस्लाम में स्वागत किया जाना चाहिए।
अंजू को तोहफे, सीमा को धमकियां
पाकिस्तानी मीडिया अंजू के इस्लाम में धर्म परिवर्तन और ‘फातिमा’ बनने का जश्न मना रहा है, जबकि सीमा हैदर को पाकिस्तानी धमकियां दी जा रही हैं। सीमा, जो भारतीय हैं, ने पाकिस्तानी युवक नसरुल्लाह से शादी की थी। इसके चलते उन्हें गद्दार कहकर नकारात्मकता का सामना करना पड़ा और सिंध के स्थानीय हिंदू समुदाय को भी प्रताड़ित किया गया। इसके अलावा, हिंदू मंदिर पर रॉकेट से हमले की खबर ने देश भर में दहशत फैला दी है।
विचार-विमर्श
यह घटनाएं साबित करती हैं कि धर्म और संस्कृति को लेकर एक बातचीत की ज़रूरत है। लोगों को आपसी समझदारी के साथ रहना चाहिए और भाईचारे के माहौल को बढ़ावा देना चाहिए। हर धर्म की एक समान मूल्यवानी है, और हम सभी को इसे समझने और सम्मान करने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
भारत की अंजू की कहानी और सीमा हैदर के मामले में एक बात साफ़ है कि यह दुनिया में धर्म के नाम पर विभाजन करने की ज़िम्मेदारी हम सभी की है। हमें सभी धर्मों की सम्मान करना चाहिए और विभाजन के खिलाफ लड़ना चाहिए। हम सभी एक ही मानवता के हिस्से हैं और हमें एक-दूसरे के साथ मिलकर एक समृद्ध और समरस्त समाज बनाना है।
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