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Ranchi: कांके अंचल के नगड़ी मौजा के दर्जनों जमीन मालिकों द्वारा मुख्यमंत्री, उपायुक्त रांची, सीओ कांके को दिये आवेदन उपरांत कार्यालय उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी राजस्व शाखा के पत्रांक संख्या 256 दो के तहत अपर समाहर्ता रांची ने कांके अंचलाधिकारी दिवाकर सी द्विवेदी को निर्देश दिया है कि जांचों उपरांत सरकारी भूमि, गैरमजरूआ खास /आम भूमि का सीमांकन करते हुए नगड़ी मौजा के आवेदकों जमीन मालिकों की रैयती भूमि को अलग करने की कार्रवाई शीघ्र करें और कार्यालय को शीघ्र प्रतिवेदन कार्रवाई की उपलब्ध कराएं
बताते चलें कि 3 जनवरी 2023 को कांके अंचल के अधिकारियों ने नगड़ी मौजा की जमीन का निरीक्षण किया था। जिसमें स्थल जांच के क्रम में अधिकारियों ने पाया कि जुमार नदी के किनारे स्थित बिरसा कृषि विश्वविद्यालय की जमीन सहित सरकारी गैरमजरूआ जमीन सभी सुरक्षित है. यहां पर लगा हुआ सरकारी बोर्ड भी सुरक्षित है. यहां पर किसी तरह का कोई निर्माण कार्य नहीं किया जा रहा है। नगड़ी मौजा के प्लांट संख्या- 2308, 2309, 2381 और गैरमजरूआ सरकारी जमीन पर किसी भी तरह का निर्माण कार्य नहीं हुआ है. इसे बेवजह लोग विवादित बनाकर मीडिया में गलत खबरें प्रकाशित कर रहे हैं. रैयतों ने अधिकारियों को स्थल जांच के दौरान और सीओ कार्यालय में आवेदन देकर बताया था कि हम लोगों की पुश्तैनी और रैयती भूमि विवादित नहीं है. इसे कुछ सफेदपोश नेता लोग जबरदस्ती विवादित बना दे रहे हैं. रिवर व्यू प्रोजेक्ट का जमीन से किसी तरह का कोई लेना देना नहीं है, साथ ही रिवरव्यू प्रोजेक्ट पूर्व में ही हम लोगों ने रद्द कर दिया है और इसके प्रोपराइटर कमलेश कुमार का भी इस जमीन से किसी तरह का वास्ता नहीं है। जांच उपरांत अपर समाहर्ता रांची व सीओ कांके ने भी जाँच में पाया कि कमलेश कुमार का इस जमीन से किसी तरह का कोई लेना देना नहीं है। बेवजह कमलेश कुमार का नाम जबरदस्ती इस जमीन पर घसीटा जा रहा है और इसे जमीन को विवादित बनाया जा रहा है. इसी बात को लेकर 6 जनवरी 2023 को सीओ कांके ने उपायुक्त को पत्र भेजकर इस बाबत दिशा निर्देश मांगा था. इसी के उपरांत अपर समाहर्ता ने सीओ को स्थल जांच कर सरकारी भूमि, गैरमजरूआ भूमि व रैयतों की भूमि का सीमांकन यथाशीध्र करते हुए कार्रवाई करने की बात कही है.
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