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अमृत काल की चुनौतियों से निपटने के लिए काम करें सांसद : नायडू

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नयी दिल्ली :राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सांसदों से अमृत काल की चुनौतियों से निपटने का आ’’ान करते हुए कहा है कि राष्ट्रहित में उन्हें दीर्घकालीन दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
श्री नायडू ने संसद मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को राज्यसभा में अपना वक्तव्य पढ़ते हुए कहा कि ‘न्यू इंडिया एट हंड्रेड’ की भावना के अनुरूप सांसदों को अवसरों और चुनौतियों को समझते हुए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगले 25 साल में भारत अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे कर लेगा। अमृत काल के दौरान आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए दीर्घकालीन रणनीतियां और कल्पनाशीलता को अपनाया जाना चाहिए।
श्री नायडू ने अपना पांच साल का कार्यकाल याद करते हुए कहा कि इस दौरान जो भी काम हुआ है, उसका श्रेय सदस्यों को जाता है और जो नहीं हो सका है, उसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि उनके प्रयासों में कहीं कुछ कमी रह गई होगी। श्री नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को पूरा हो रहा है।
श्री नायडू ने कहा कि देश के लिए अमृत काल बहुत महत्वपूर्ण है इस दौरान नई नीतियां बनाने की आवश्यकता है और सदस्यों को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब भारत 100 वर्ष पूरे कर रहा होगा तो उसकी आबादी 20 करोड और बढ़ चुकी होगी। इसके लिए सदस्यों को तैयारी करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सदन में नामित सदस्य पीटी उषा, इलैयाराजा, विजेंद्र प्रसाद और वीरेंद्र हेगड़े ने अपने समय की बाधाओं को पार किया है और समाज की सेवा की है। उन्होंने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। सदन में इन सदस्यों के अनुभव का लाभ लिया जाना चाहिए।
सभापति ने सात विभागों से संबंधित स्थायी संसदीय समितियों के कामकाज का ब्यौरा दिया और कहा कि इनमें से पांच समितियों ने बहुत अच्छा काम किया है।
श्री नायडू ने देश में 200 करोड़ कोविड टीके लगाने की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि यह केंद्र, राज्य और जनता के सामूहिक प्रयासों का प्रतिफल है।

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