नशे में पहुंचकर हवाई यात्रा करने वाले क्रू मेंबर्स, ‘पीकर’ एयरपोर्ट पहुंचे 40 पायलट, एयर होस्टेस भी कम नहीं
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नई दिल्ली : एयरलाइंस और डीजीसीए की लाख कोशिशों के बावजूद अभी भी कितने ही पायलट, एयर होस्टेस और अन्य क्रू मेंबर ऐसे हैं जो हवाई जहाजों का टेकऑफ कराने से पहले नशे में एयरपोर्ट पहुंचते हैं। इस साल जुलाई तक 40 पायलट ऐसे पकड़े गए जो नशे की हालत में हवाई जहाज उड़ाने आ गए।
एयरपोर्ट पहुंचने के पश्चात्तुरंत नशे में धुत पायलट
साल 2022 में पूरे साल में 43 पायलट नशे की हालत में पाए गए थे, जबकि 2021 में 19 पायलट ऐसे मिले थे। इस साल 108 एयरहोस्टेस और फ्लाइट पर्सर भी बीए टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए। इस मामले में 2022 में 124 और 2021 में 39 एयर होस्टेस और फ्लाइट पर्सर बीए टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए थे।
नशे के हालत में भी हवाई जहाज उड़ाने आए पायलट
सूत्रों का कहना है कि इस साल जो 40 पायलट, 108 एयर होस्टेस और फ्लाइट पर्सर नशे की हालत में पाए गए, उनमें सात ऐसे थे जो ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे। इनके पैर तक लड़खड़ा रहे थे। इसके बावजूद ये लोग हवाई जहाज उड़ाने आ पहुंचे।
नशे नहीं, सेफ्टी और सिक्युरिटी पर फोकस
फ्लाइट को टेकऑफ कराने से पहले पायलट, एयर होस्टेस और फ्लाइट पर्सर के होने वाले बीए टेस्ट के प्रति डीजीसीए के नियम खासे सख्त हैं। नियम कहते हैं कि जो पायलट या अन्य क्रू मेंबर पहली बार बीए टेस्ट में पॉजिटिव पाया जाता है, उसका लाइसेंस तीन महीने के लिए सस्पेंड किया जाए। दूसरी बार पकड़े जाने पर उसका लाइसेंस तीन महीने के लिए और अगर तीसरी बार भी फेल हो गया तो लाइसेंस आजीवन सस्पेंड कर दिया जाता है। क्योंकि फिर यह माना जाता है कि पायलट नशे का आदी है। इस मामले में और भी सख्त नियम बनाए जाने की योजना है। फ्लाइट टेकऑफ कराने से पहले पायलट को कम से कम आठ घंटे पहले तक नशा नहीं करना चाहिए। टेस्ट में पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे फ्लाइट टेकऑफ कराने से रोक दिया जाता है।
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