संसद के मानसून सत्र के दौरान 31 विधेयक लाए जाने की संभावना, सबसे पहले दिल्ली से जुड़े अध्यादेश पर हो सकती है चर्चा
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विधायिका की बरसात सत्र 20 जुलाई से शुरू होगी। जानकारी के अनुसार, मौसमी सत्र 11 अगस्त तक चल सकता है। इस अवधि में दोनों सदनों की कुल 17 बैठकें प्रस्तावित हैं। इस समय के दौरान 31 विधेयकों का संबोधन होने की संभावना है। इनमें से सबसे पहले दिल्ली संबंधी अध्यादेश है। सरकार इसे जितनी जल्दी हो सके, दोनों सदनों से पास करने और इसे कानून का रूप देने की कोशिश करेगी। एक महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें समान नागरिक संहिता का उल्लेख नहीं है।
पार्लियामेंटरी कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सूचित किया कि सत्र कल से शुरू हो रहा है। इसलिए आज सरकार के द्वारा आल पार्टी हाउस के नेताओं की बैठक बुलाई गई थी। इसमें 34 दलों और 44 नेताओं ने भाग लिया। हमें महत्वपूर्ण सुझाव मिले। सरकार के पास 31 विधियां सूचीबद्ध हैं। सभी दलें मणिपुर पर चर्चा करना चाहती हैं और सरकार इसे चर्चा के लिए तैयार है।
आल पार्टी मीटिंग में इन मुद्दों पर चर्चा करने की मांग
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कांग्रेस ने इस मौसमी सत्र में मणिपुर में स्थिति और ओडिशा रेल दुर्घटना जैसे मुद्दों पर सरकार से चर्चा करने की मांग की। पार्टी की ओर से कहा गया कि एक हाथ से ताली नहीं बजती और अगर सरकार सदन चलाना चाहती है, तो विपक्ष को भी अपने विचार प्रस्तुत करने का मौका देना चाहिए।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सरकार द्वारा बुलाई गई आल पार्टी मीटिंग में कहा: हम मौसमी सत्र में मणिपुर में स्थिति पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री सदन में आकर मणिपुर में स्थिति पर चर्चा करें।
कांग्रेस के नेता ने कहा कि उनकी पार्टी ने चीन की सीमा पर स्थिति, महंगाई, ओडिशा रेल दुर्घटना, बेरोजगारी, संघीय संरचना पर हमला जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की मांग की है। हम दिल्ली आए हैं सदन में चर्चा करने और लोगों के मुद्दों को उठाने के लिए।
प्रह्लाद जोशी ने विपक्षी गठबंधन को भी चिट्ठी लगाई
इस बीच, पार्लियामेंट के मौसमी सत्र से पहले एनडीए की बैठक हुई। इससे पहले सरकार ने सभी दलों के साथ महत्वपूर्ण बैठक भी की। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने विपक्षी गठबंधन का भी मजाक उड़ाते हुए कहा कि नाम बदलने से लोग नहीं बदलते। लोग वैसे ही हैं, वो पुरानी शराब नई बोतल में ही हैं।
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विधायिका सत्र 11 अगस्त तक चलेगा
विधायिका की बरसात सत्र 20 जुलाई से शुरू होगी। जानकारी के अनुसार, मौसमी सत्र 11 अगस्त तक चल सकता है। इस अवधि में दोनों सदनों की कुल 17 बैठकें प्रस्तावित हैं।
आल पार्टी मीटिंग में चर्चा करने के लिए मांग करने की आवश्यकता है।
कॉन्ग्रेस ने इस मौसमी सत्र में मणिपुर में हो रही स्थिति और ओडिशा रेल दुर्घटना के मामले पर सरकार से चर्चा करने की मांग की। पार्टी के तरफ से कहा गया है कि एक हाथ से ताली नहीं बजती है और अगर सरकार सदन चलाना चाहती है तो विपक्ष को अपने विचारों को प्रस्तुत करने का मौका देना चाहिए।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सरकार द्वारा बुलाई गई आल पार्टी मीटिंग में कहा: हम मौसमी सत्र में मणिपुर में हो रही स्थिति पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री सदन में आकर मणिपुर में स्थिति पर चर्चा करें।
कांग्रेस के नेता ने कहा है कि उनकी पार्टी ने चीन की सीमा पर स्थिति, महंगाई, ओडिशा रेल दुर्घटना, बेरोजगारी, संघीय संरचना पर हमला जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की मांग की है। हम दिल्ली आए हैं सदन में चर्चा करने और लोगों के मुद्दों को उठाने के लिए।
प्रह्लाद जोशी ने विपक्षी गठबंधन को भी चिट्ठी लगाई
इस बीच, पार्लियामेंट के मौसमी सत्र से पहले एनडीए की बैठक हुई। इससे पहले सरकार ने सभी दलों के साथ महत्वपूर्ण बैठक भी की। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने विपक्षी गठबंधन का भी मजाक उड़ाते हुए कहा है कि नाम बदलने से लोग नहीं बदलते। लोग वैसे ही हैं, वो पुरानी शराब नई बोतल में ही हैं।
सत्र 11 अगस्त तक चलेगा
विधायिका की बरसात सत्र 20 जुलाई से शुरू होगी। जानकारी के अनुसार, मौसमी सत्र 11 अगस्त तक चल सकता है। इस अवधि में दोनों सदनों की कुल 17 बैठकें प्रस्तावित हैं।
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