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दुमका: जिले की एक विशेष सत्र अदालत ने शुक्रवार को नाबालिग के साथ दुष्कर्म संबंधित मामले में दोषी को 25 वर्ष के कारावास की सजा सुनायी।
दुमका के प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश रमेश चंद्रा की अदालत ने शुक्रवार को गोपीकांदर थाना कांड संख्या 23/2019 में सजा के ंिबदु पर दोनों पक्षों की ओर से बहस सुनने के बाद दोषसिद्ध आरोपी गोपीकांदर थाना क्षेत्र निवासी श्यामसुंदर मंडल को भारतीय दंड विधान की धारा 376 (3) के तहत 25 वर्ष के कारावास के साथ 25 हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनायी। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर आरोपी को दो साल अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
न्यायालय ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम की धारा 3(1)(डब्लू ) (े) के तहत दोषी पाकर आरोपी को दो साल के कारावास के साथ दस हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनायी है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर आरोपी को छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
मामले में सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक चंपा कुमारी ने पैरवी की और बहस में हिस्सा लिया। सरकार की ओर से न्यायालय में 11 गवाह पेश किये गये। अपर लोक अभियोजक के मुताबिक पीड़तिा के फर्द बयान पर गोपीकांदर थाना में भादवि, पोक्सो एक्ट, एससी-एसटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत नामजद आरोपी श्यामसुंदर मंडल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी तथा त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था।
दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, नाबालिग पीड़तिा एकलव्य विद्यालय की दसवीं कक्षा की छात्रा थी। विद्यालय में छुट्टी हो जाने के बाद एक सितंबर 2019 को वह बस से घर जा रही थी। घर जाने के क्रम में रास्ते में आरोपी उस पर शादी के लिए दबाव देने लगा। इनकार करने पर आरोपी ने जबरन पीड़तिा को जंगल की ओर ले जाकर दुष्कर्म की घटना अंजाम दिया। आरोपी के चंगुल से मुक्त हो कर नाबालिग पीड़तिा घर पहुंची और परिवार को घटना की जानकारी दी।
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