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गढ़वा में 11 लाख 30 हजार ठगी करने का दो आरोपी बिहार से गिरफ्तार

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 लोन देने के नाम पर नहीं, पैसे डबल करने की लालच में फंसा था दशरथ : एसपी
 गढ़वा  : पुलिस ने धोखाधड़ी कर लोगों से ठगी करने के दो आरोपिओ को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार अपराधियों में बिहार राज्य के कैमूर जिला अंतर्गत मोहनिया थाना क्षेत्र के दंडवास गांव निवासी रविंद्र प्रजापति का पुत्र रोशन कुमार व रोहतास जिला के कोचस थाना क्षेत्र के बाबू का बहुआरा गांव निवासी धर्मराज प्रजापति का पुत्र हरेंद्र प्रजापति का नाम शामिल है। एसपी अंजनी कुमार झा ने रविवार को गढ़वा थाना में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर यह जानकारी दी।
        एसपी ने बताया कि गत 20 जनवरी को झुरा गांव निवासी दशरथ राम ने गढ़वा थाना में आवेदन देकर माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी बताकर 50 लाख लोन दिलाने के नाम पर सिक्योरिटी मनी के रूप में 11 लाख 30 हजार लेने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराया था।
पुलिस ने कांड के अनुसंधान को लेकर एसआईटी का गठन कर जांच शुरू कया। इस दौरान दो संदिग्ध व्यक्तियों के गढ़वा रेलवे स्टेशन रोड के पास होटल आरडीएस में 6 जनवरी व 16 जनवरी को ठहरने का प्रमाण मिला। इस दौरान फर्जी आधार कार्ड व मोबाइल नंबर का प्रयोग करते हुए घटना को अंजाम दिया है। पुलिस ने उनके बिहार स्थित निवास स्थान पर दबिश देकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। ठगी में शामिल अपराध कर्मियों ने पुलिस को बताया कि पूर्व में रोशन कुमार दिल्ली में रहकर ऑटो चलाता था।
कम आमदनी होने के कारण धोखाधड़ी का धंधा अपनाकर दिल्ली में ही कई लोगों को ठगी का शिकार बनाया। लेकिन देश में संपूर्ण लोक डाउन लग जाने के बाद वह वहां ठगी का धंधा नहीं चला तो बिहार स्थित पैतृक घर वापस आ गया। उसके बाद अपने आसपास के क्षेत्रों में घूम कर लोगों को ठगी का शिकार बनाना शुरू किया। इस दौरान अपने फुकरे भाई हरेंद्र प्रजापति के साथ मिलकर गढ़वा व मेदनीनगर को अपना नया ठिकाना बनाया। तथा झुरा निवासी दशरथ राम को अपने जाल में फंसा लिया। जबकि नकली नोट के नाम पर असली नोट दिया था।
इस कारोबार में दशरथ राम ठगों के झांसे में आ गया। वह दुगना नोट पाने के लालच में 11लाख 30 हजार यह समझ कर दे दिया कि सील बंडल में  दोगुना नोट यानी 22 लाख 60 हजार मिल रहे हैं। जबकि दशरथ राम ने घर जाकर देखा तो उसके पैर के नीचे से जमीन खिसकर गई। दरअसल एक बंडल में  सिर्फ कागज के टुकड़े ही थे। इसके बाद दशरथ राम ने थाना पहुंचकर मामला दर्ज कराया। अपराध कर्मियों ने पुलिस को बताया कि ठगी के रुपए में से पांच लाख रोशन कुमार के बैंक खाते में जमा किया गया है।
जबकि हरेंद्र प्रजापति को बहन की शादी के लिए चार लाख रुपए दिए गए थे। शेष दो लाख 30 हजार अपराध कर्मियों ने सामूहिक रूप से खर्च कर दिया। छापेमारी टीम में थाना प्रभारी कृष्ण कुमार, पीएसआई प्रवीण कुमार, संतोष कुमार पांडेय, एएसआई अभिमन्यु कुमार सिंह, आरक्षी नीरज कुमार पांडेय, श्याम बिहारी यादव, नरेश मांझी, सुरेंद्र भगत सहित सशस्त्र बल के जवान शामिल थे।

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