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विवाद की आग में बढ़ते हुए
के बोटाद स्थित सारंगपुर (सालंगपुर) में हनुमान जी को सहजानंद स्वामी का दास दिखाने जाने पर विवाद बढ़ता जा रहा है। गुजरात के प्रमुख हिंदू संत झुकने के मूड में नहीं हैं।
संत समाज की तीखी प्रतिक्रिया
संत समाज की तीखी प्रतिक्रिया और करणी सेना की नाराजगी के बाद चर्चा शुरू हो गई है। श्री अखिल भारतीय संत समिति, गुजरात के प्रमुख नौतम स्वामी को पद से विदाई हो सकती है।
नौतम स्वामी के बयान का परिणाम
नौतम स्वामी खेड़ा स्थित स्वामीनारायण संप्रदाय के वड़ताल धाम की श्री सत्संग महासभा के प्रमुख हैं। नौतम स्वामी ने दिया था बयान हिंदू संतों के बीच चर्चा है कि नौतम स्वामी के खंभात में दिए गए बयान से यह विवाद ज्यादा बढ़ा है।
हनुमान जी के दास बनने पर उठी सवाल
सारंगपुर में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा के नीचे हनुमान को सहजानंद स्वामी का दास दिखाए जाने पर विवाद के नौतम स्वामी ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी। हिंदू समाज के संतों की आपत्ति है कि हनुमान सहजानंद स्वामी के कैसे दास हो सकते हैं, क्यों कि उनका इतिहास 250 साल ही पुराना है। वे भगवान राम के भक्त थे। ऐसे में यह अनुमान का अपमान है।
संतों की अपील
हिंदू समाज की तरफ से अब तक मोरारी बापू, शारदापीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती समेत तमाम संतों ने चित्रों को हटाने की अपील की है।
नौतम स्वामी के दृष्टिकोण
नौतम स्वामी ने कहा था कि हनुमानजी महाराज ने कई बार भगवान स्वामीनारायण की सेवा की है। स्वामीनारायण भगवान हैं और उनके कुल देवता भी हनुमानजी महाराज हैं। हनुमानजी महाराज ने कई बार भगवान स्वामीनारायण की सेवा की है। स्वामी ने कहा था कि स्वामी नारायण संप्रदाय का इतिहास इसे भरा हुआ है।
नौतम स्वामी की बढ़ती चुनौतियाँ
यदि किसी के पास कोई व्यक्तिगत प्रश्न है तो वह उचित मंच पर जाकर ऊपर बात कर सकता है। स्वामी ने कहा था कि इस मुद्दे पर कितने लोग कोर्ट में गए हैं। तो कोर्ट में इस योग्य जवाब देना होगा। नौतम स्वामी ने आगे कहा था कि संप्रदाय को छोटे लोगों को कोई जवाब देने की जरूरत नहीं है। संतों के निशाने पर स्वामी नौतम स्वामी के इसी बयान को लेकर अब वे संत समाज के निशाने पर आ गए हैं।
नौतम स्वामी की राजनीतिक यात्रा
सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में नौतम स्वामी अगर अपने बयान पर अडिग रहते हैं तो फिर श्री अखिल भारतीय संत समिति, गुजरात के प्रमुख के पद से उनकी विदाई हो सकती है। नौतम स्वाम स्वामीनारायण संप्रदाय के वड़ताल धाम के अग्रणी संतों में शामिल हैं। उनका राजनीति में बड़ा दखत है। हार्दिक पटेल के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने के पीछे नौतम स्वामी के बयान और अपील को प्रमुख वजह माना जाता है। नौतम स्वामी ने कहा था कि हार्दिक पटेल और दूसरे युवाओं को राष्ट्रवादी पार्टी में जाना चाहिए। इसके बाद ही हार्दिक पटेल ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी। इसके बाद हार्दिक पटेल की नौतम स्वामी से मुलाकात की तस्वीरें भी सामने आई थीं।
नौतम स्वामी: संतों के मध्यस्थ
नौतम स्वामी का पूरा नाम नौतम प्रकाशदासजी स्वामी है।
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