निधि राज ठाकुर
रेशमी डोर से कलाई का रिश्ता पुराना है
सर्वप्रथम कर्णावती ने हुमायूं को
कभी द्रौपदी ने श्री कृष्ण को बांधा है।
बचाना हर कष्ट से हमें भैया
तुम्हें रक्षा सूत्र जो बांधा है
भाई-बहन का रिश्ता ये निराला है।
तेरे लिए भूखे रहकर राखी बांधना शाम-शाम तक लड़, जाना कभी रूठना कभी मनाना
किस्सा ये पुराना है।
इस साल भी थाल सजाना है
दीये जलाना, पसंदीदा मिठाई तुम्हें खिलाना है
अपने हाथों से तेरी कलाई सजाना है।
कैसा ये फसाना है भैया
तू दूर, मैं मजबूर
आॅनलाइन राखी भेजने का जमाना है।
सजा लेना जरूर राखी अपने हाथ
तुम्हें सुरक्षित रहना है
हर तरफ फै़ला कोरोना है।
तुम रहो सुखी जैसे सदाबहार
यही होगा मेरा उपहार
मनाये हम हर्षोल्लास से हर वर्ष ये त्योहार।