बैंकिंग छोड़ म्यूचुअल फंड व इंश्योरेंस बेचने में अधिक रुचि दिखा रहे हैं बैंक, ग्राहकों को हो रही भारी परेशानी
- Sponsored -
वित्तीय सेवाओं की प्रदान करना, यह है बैंकों का मुख्य ध्येय। ये सेवाएँ लोगों को वित्तीय लेन-देन की सुविधा प्रदान करती हैं। लेकिन, आजकल देखा जा रहा है कि बैंक अपने मूल काम से हटकर अन्य कार्यों में ज्यादा व्यस्त हो रहे हैं, जैसे कि म्यूचुअल फंड और इंश्योरेंस की बिक्री में। इसके परिणामस्वरूप, बैंकों का मुख्य कार्य उनके प्रधान लक्ष्य को प्रभावित कर रहा है, और इसका नुकसान उनके ग्राहकों को भी झेलना पड़ रहा है।
बैंकों की जरूरत: सामान्य जनता की जरूरतों का पूरा करना
बैंकों की शाखाओं में सामान्य लोगों को पैसों की जमा-निकासी के लिए भी कई बार कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। बैंक विशेष रूप से उन ग्राहकों को ध्यान में रखते हैं, जिन्हें ऋण की आवश्यकता होती है। ऐसे मामूली ग्राहकों को बैंक द्वारा प्रदान किए जाने वाले तृतीय पक्ष के उत्पाद का उपयोग करना पड़ता है। इससे बैंक अपने लक्ष्यों को पूरा करने में सफल हो जाते हैं।
बैंकों के अधिकारी और उनका दबाव
- Sponsored -
- Sponsored -
सामान्य जनता को नहीं पता होता कि सार्वजनिक बैंकों का दूसरी कंपनियों से टाइअप होता है और उन्हें इसके बढ़िया कमीशन मिलता है। इस कारण, बैंक प्रबंधक इस पर जोर देते हैं और अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को ग्राहकों को विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट लेने के लिए मजबूर करते हैं। इसी कारण बैंकों में जमा घट रहा है और एनपीए लगातार बढ़ रहा है।
सीनियर के दबाव में
बैंकों के अधिकारियों का कहना है कि म्यूचुअल फंड, लाइफ इंश्योरेंस, और अन्य प्रोडक्ट की बिक्री के लिए सीनियर के दबाव में होता है। वे लक्ष्य के प्रति बैंक शाखाओं पर लगातार दबाव बनाते हैं। बैंक शाखाओं में पहुंचकर, बैंक के अधिकारी ग्राहकों से विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट लेने के लिए इतना दबाव बनाते हैं कि कई ग्राहक न चाहते हुए भी इन्हें लेने के लिए मजबूर होते हैं।
- Sponsored -
Comments are closed.