बिहार में मिथिला क्षेत्र का चुनावी मुद्दा बनेगा दरभंगा एम्स? मोदी-शाह का हमला और नीतीश सरकार का पलटवार जानिए
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दरभंगा एम्स विवाद में बिहार सरकार और केंद्र सरकार आमने-सामने हैं। दरभंगा एम्स के निर्माण को लेकर जमीन विवाद का पेंच फंस गया है। बिहार सरकार ने दरभंगा एम्स के लिए शोभन-एकमी बाइपास के पास 151 एकड़ जमीन दी है, लेकिन केंद्र सरकार ने इस जमीन को स्वीकार नहीं किया है। केंद्र सरकार का कहना है कि यह जमीन दलदली और ऊबड़-खाबड़ है, जिससे एम्स के निर्माण में दिक्कत आएगी।
बिहार सरकार का कहना है कि यह जमीन पूरी तरह से उपयुक्त है। सरकार ने जमीन की भराई और समतलीकरण के लिए 309 करोड़ रुपये का बजट भी पास कर दिया है। बिहार सरकार ने केंद्र सरकार से जमीन की स्वीकृति देने की मांग की है।
दरभंगा एम्स विवाद के कारण
दरभंगा एम्स विवाद के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
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- जमीन का विवाद: बिहार सरकार ने दरभंगा एम्स के लिए 151 एकड़ जमीन दी है, लेकिन केंद्र सरकार ने इस जमीन को स्वीकार नहीं किया है। केंद्र सरकार का कहना है कि यह जमीन दलदली और ऊबड़-खाबड़ है, जिससे एम्स के निर्माण में दिक्कत आएगी।
- राजनीतिक कारण: दरभंगा एम्स बिहार के उत्तरी क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुविधा है। इस मुद्दे को लेकर बिहार में राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।
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दरभंगा एम्स विवाद का प्रभाव
दरभंगा एम्स विवाद का बिहार के लोगों पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ रहा है:
- स्वास्थ्य सेवा में कमी: दरभंगा एम्स के निर्माण में देरी से बिहार के उत्तरी क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल पा रही है।
- राजनीतिक अस्थिरता: दरभंगा एम्स विवाद बिहार में राजनीतिक अस्थिरता का कारण बन रहा है।
दरभंगा एम्स विवाद का समाधान
दरभंगा एम्स विवाद का समाधान करने के लिए बिहार सरकार और केंद्र सरकार को एक साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। दोनों पक्षों को जमीन के विवाद को सुलझाने के लिए एक समझौता करना चाहिए। इसके अलावा, केंद्र सरकार को बिहार सरकार की योजनाओं का समर्थन करना चाहिए।
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