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बिहार में जमीन के म्यूटेशन में हो रही गड़बड़ी? डीसीएलार 10 लाख जमाबंदी की करेंगे जांच

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बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य यह है कि राज्य में भूमि के म्यूटेशन के बाद कर्मियों ने गलत तरीके से जमाबंदियों को पंजी-दो पर चढ़ा दिया है, जिससे गलत जानकारी दर्ज हो रही है। इसके परिणामस्वरूप, विभाग ने संदिग्ध जमाबंदियों की जांच करने के निर्देश दिए हैं। अपर मुख्य सचिव ने उप समाहर्ताओं को इस समस्या को समझकर सही तरीके से जांच करने के निर्देश दिए हैं और उन्हें गलत जानकारी को निरस्त करने की सलाह भी दी है।

इस निर्णय के तहत अपर मुख्य सचिव ने उपसमाहर्ताओं को यह भी कहा है कि वे अपने अधीन अंचलों की जमाबंदी पंजी को ध्यान से जांचें और गलतियों को सुधारें। वे उनके अंचल में लंबित दाखिल-खारिज के मामलों की अलग से समीक्षा करें और जरूरी कार्रवाई करें। इसके साथ ही, कम-से-कम दो दिन कोर्ट करने का भी निर्देश दिया गया है, ताकि जमाबंदियों के मामले तेजी से सुलझ सकें।

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इसके अलावा, भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं और बैंकों के लिए एन्कंब्रेंस पोर्टल का उपयोग करने का आदान-प्रदान किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से जमीन की सच्चाई और कानूनी स्वामित्व की जानकारी प्राप्त की जा सकती है, जिससे फर्जीवाड़ों को पहचानने और रोकने में मदद मिल सकती है। यह उपाय भूमि खरीदारों के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है।

इसी तरह से, एन्कम्ब्रेंस पोर्टल के इस्तेमाल से जमीन की सच्चाई और स्वामित्व की जानकारी सार्वजनिक और बैंकों के लिए उपलब्ध होगी, जो फर्जीवाड़े और लोन के मामलों में मदद कर सकता है।9f69a662 446e 4e5b a611 a4bbe0514073

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