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‘नीट यूजी’ के अनुवाद पर सवाल की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज

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नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मेडिकल पाठ्यक्रम में स्रातक स्तर की कक्षाओं में दाखिले से संबंधित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा ‘नीट यूजी- 2021’ में भौतिकी के एक प्रश्न के ंिहदी अनुवाद पर सवाल उठाने वाली एक जनहित याचिका को मंगलवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने नीट परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था ‘नेशनल टेंिस्टग एजेंसी’ द्वारा गठित विशेषज्ञों के दो दलों की रिपोर्ट के आधार पर याचिकाकर्ता की दलीलों को खारिज कर दिया।
शीर्ष अदालत ने ‘नीट यूजी -2021’ की अभ्यर्थी वहीदा तबस्सुम समेत 22 अभ्यर्थियों ने अदालत से गुहार लगाई थी कि ंिहदी अनुवाद के कारण उन्हें पांच अंकों का नुकसान हुआ है, लिहाजा उनकी उत्तर पुस्तिकाओं के अंकों की फिर से गिनती की जाए।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने एनटीए की दलीलों को स्वीकार करते हुए विद्यार्थियों की याचिका खारिज कर दी।
शीर्ष अदालत के आदेश पर एनटीए ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गुवाहाटी, दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी और नेशनल फिजिकल लैबोरेट्री के अध्यापकों एवं विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय दल से संबंधित प्रश्न के अनुवाद की पुन: जांच करवाई थी। इस दल ने अनुवाद को सही करार दिया था।
अभ्यर्थियों के आरोप सामने आने के बाद एनटीए ने इससे पहले भी विशेषज्ञों के एक दल से संबंधित प्रश्न का ंिहदी अनुवाद की जांच करवाई थी जिसने अनुवाद को उपयुक्त बताया था।

 

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