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संवाददाता
लोहरदगा: कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए बार काउंसिल झारखंड के निर्देशानुसार पिछले 18 अप्रैल से सभी अधिवक्तागण अपने आप को न्याय कार्य से अलग रखे हुए हैं। कोरोना काल एवं ईद महापर्व को देखते हुए जिला अधिवक्ता संघ लोहरदगा ने नियमित अधिवक्ताओं को सहयोग के बतौर 3000 (तीन हजार) रुपए देने का निर्णय लिया था। जिसके तहत बुधवार को 88 अधिवक्ताओं के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दी गई। उक्त आशय की जानकारी जिला अधिवक्ता संघ लोहरदगा के सचिव अजय कुमार ने दी। उन्होंने कहा कि जिन नियमित अधिवक्ताओं को सहयोग राशि दी गई, उनमें फताउर्र रहमान, कृपाशंकर पाण्डेय, नसीम अंसारी, मोमिना खातून, अनिल पांडेय, अनुप कुमार रॉय, सतीश कुमार विद्यार्थी, राखा साहु आदि समेत 88 अधिवक्तागण शामिल हैं। सचिव श्री कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए कोरोना का चेन को तोड़ना आवश्सक है। इसके लिए अभी पूर्ण लॉकडाउन बहुत ही जरूरी है। जिला अधिवक्ता संघ लोहरदगा ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया है कि कम से कम 31 मई तक पूर्ण लॉकडाउन लगा दी जाए। तभी चेन को तोड़ा जा सकता है। इस संबंध में मुख्यमंत्री के नाम एक पत्र भी भेजी गयी है। हर जगह आॅक्सीजन की कमी एवं अस्पतालों में वेड की समस्या है, ऐसे में अब सरकार के पास एकमात्र लॉकडाउन सर्वोत्तम उपाय है। इसलिए मुख्यमंत्री से निवेदन किया गया है कि 31 मई तक पूर्ण लॉकडाउन लगाया जाए। उन्होंने अधिवक्ताओं से कहा कि बार-बार अपने हाथों को सैनिटाइजर करें, एवं बहुत जरूरी हो तभी मास्क पहनकर ही घर से निकलें। अनावश्यक घर से बाहर ना निकलें। अपने घरों में ही रहे और सुरक्षित रहे। अपने एवं अपने परिवार को समाज को सुरक्षित रखें।
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