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कश्मीर में मना ईद-उल-फतर, बंद रहे प्रमुख धार्मिक स्थल

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श्रीनगर : पवित्र रजमान महीने की समाप्ति पर गुरुवार को ईद-उल-फितर कश्मीर घाटी में मनाया गया, लेकिन कोरोना वायरस (कोविड-19) के मद्देनजर मुख्य ईदगाह, मस्जिदें और अन्य धार्मिक स्थल बंद रहे। जिन लोगों ने बुधवार रात तवरीह की पेशकश की थी और रोजा शुरू करने के लिए ह्यसहरीह्ण (सुबह का भोजन) तैयार किया था, वे तब आश्चर्यचकित रह गये जब आधी रात को मस्जिदों से घोषणा की गई कि चांद देखा गया है और ईद-उल-फितर गुरुवार को मनायी जाएगी, लेकिन जिन लोगों ने घोषणाएं नहीं सुनी, उन्होंने अपनी सहरी ली और आज सुबह ईद के बारे में जानकारी मिलने तक रोजा रखा।ज्यादातर लोगों ने इस बात की शिकायत की कि वे बुधवार को सख्त लॉकडाउन लागू होने के कारण त्योहार के लिए आवश्यक खरीदारी नहीं कर सके। लोगों का कहना था कि सुरक्षा बलों के जवान उन्हें घरों निकलने नहीं दे रहे थे। कश्मीर घाटी में कर्फ्यू के तहत लगायी गयीं सख्त कोरोना पाबंदियों के बीच ईद आज मनाई गई। प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में प्राणघातक वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू प्रतिबंधों का पालन करवाने की खातिर सुरक्षा बलों और पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।इस मौके पर गैर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मुस्लिमों को ईद की बधाइयां दीं। मुस्लिम समुदायों के लोगों ने एक-दूसरे के घर जाने की बजाय फोन के जरिए परिचितों तथा रिश्तेदारों को ईद की बधाई दी। श्रीनगर, बाहरी इलाके और घाटी में अन्य जगहों पर मुख्य धार्मिक स्थल और मस्जिदें बंद रहीं। जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड ने कोविड-19 के मद्देनजर 133 धर्मस्थलों और अन्य प्रार्थना स्थलों को बंद करने की घोषणा की थी। जिन धर्मस्थलों को बंद कर दिया गया था, उनमें आसार-ए-शरीफ, (पैगंबर मुहम्मद के पवित्र अवशेष), डल झील के किनारे स्थित हजरतबल, सोनवार के सैयद साहिब, खानयार में हजरत शेख अब्दुल कादिर लीलानी, सराय बाला, हजरत महबूब-उल आलम मुखदुम साहिब और अन्य इबादत स्थल शामिल हैं।पुराने श्रीनगर स्थित ऐतिहासिक जामिया मस्जिद भी बंद रही। इसके अलावा द अंजुमन औकप जामिया मस्जिद भी बंद रही। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के उदारवादी धड़े के प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर पिछले महीने ही मस्जिद को बंद करने की घोषणा कर दी थी। इसी तरह का नजारा मध्य कश्मीर के गंदेरबल जिले तथा दक्षिण कश्मीर के जिलों में भी देखने को मिला।

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