अजित पवार पर फिर लगा फंड न देने का आरोप, शिंदे गुट समेत MVA के कई MLA नाराज, आज सदन में हो सकता है हंगामा
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वित्त मंत्रालय की कमान संभालने के बाद विधायकों के फंड वितरण को लेकर फिर चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने एनसीपी, शिंदे सेना और बीजेपी के विधायकों को खुश कर दिया है, लेकिन विरोधी दलों ने नाराजगी व्यक्त की है। पूरक मांगों में पवार ने विधायकों के मतदाता क्षेत्र के विकास के लिए पूरक मांगों में 1500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। हर एक विधायक को 25 से 50 करोड़ का फंड उपलब्ध कराया गया है। कुछ विधायकों को 40 करोड़ का फंड भी दिया है। एनसीपी प्रमुख को देवलाली विधानसभा क्षेत्र से एनसीपी विधायक सरोज अहिरे ने समर्थन दिया था। बाद में उन्होंने अजित पवार गुट में शामिल हो गई। उनके विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए 40 करोड़ का फंड दिया है। निधि आवंटन में अजित पवार गुट के समर्थक विधायकों को ज्यादा धनराशि दी गई है। इसलिए यह भी कहा जा रहा है कि विधायक विकास निधि के लिए ही अजित पवार के साथ हैं। शरद पवार की एनसीपी के कट्टर विरोधी जयंत पाटील के मतदान क्षेत्र के लिए भी पवार ने पर्याप्त फंड दिया है। विपक्ष ने इस पर नाराजगी जताई है। उनका आरोप है कि उन्हें फंड नहीं दिया गया है। इस मामले को वे इस सप्ताह विधानमंडल के दोनों सदनों में उठाएंगे।फंड के लिए ही महाविकास में मचा था घमासानमहाविकास अघाड़ी सरकार में शिवसेना विधायकों को पर्याप्त फंड नहीं देने का आरोप लगाते हुए पिछले साल समेत 40 से ज्यादा शिवसेना विधायकों ने बगावत का बिगुल फूंका था। फिर बागी विधायकों ने अलग गुट बनाकर बीजेपी से हाथ मिला लिया और सरकार बना ली। लेकिन अब जब वह खुद बीजेपी, एनसीपी (अजित पवार गुट) के साथ सत्ता में है तब भी शिवसेना (शिंदे गुट) विधायकों को फंड न मिलने का आरोप लगाया जा रहा है।फडणवीस ने पवार का बचाव कियारविवार को उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वित्त मंत्री अजित पवार ने विकास कार्यों के लिए विधायकों को धन आवंटित करते समय एनसीपी विधायकों को कोई विशेष तरजीह नहीं दी है। उन्होंने कहा कि बीजेपी और शिवसेना विधायकों को भी फंड दिया गया है। यह कहना सही नहीं है कि केवल अजित पवार समर्थकों को ही धन आवंटित किया गया है।
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