नयी दिल्ली, 25 जनवरी(लाइव 7) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय संविधान के लागू होने के 75 वर्ष की अवधि को भारत की आत्मा के पुनर्जागरण का कालखंड बताया और कहा कि भारत की चहुंमुखी प्रगति और वैश्विक मंच पर भारत का नेतृत्व की स्थिति में आने तक का व्यापक परिवर्तन संविधान में निर्धारित रूपरेखा के बिना संभव नहीं हो सकता था।
श्रीमती मुर्मू ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को राष्ट्र के नाम संदेश में कहा कि आज से 75 वर्ष पहले, 26 जनवरी के दिन ही, भारत गणराज्य का आधार ग्रंथ यानी भारत का संविधान, लागू हुआ था। लगभग तीन वर्ष के विचार-विमर्श के बाद, संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 के दिन संविधान को अंगीकृत किया था। इसी उपलक्ष्य में 26 नवंबर का दिन, संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
संविधान ही ला रहा है भारत को वैश्विक नेतृत्व की स्थिति में : मुर्मु

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